हाल ही में धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बिजनेसमैन और मोटिवेशनल स्पीकर डॉ विवेक बिंद्रा के ‘बड़ा भारत शो में नजर आए। जहां उन्होंने अपनी निजी ज़िंदगी से जुड़े कई सारे गंभीर तो कई मजाकिया किस्से दुनिया के सामने रखे। धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को बागेश्वर धाम सरकार के नाम से भी जाना जाता है, जो आज भारत के एक प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित आध्यात्मिक गुरु हैं। बाबा बागेश्वर धाम का लक्ष्य हिन्दू धर्म की सीख और ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाने का है, इसके साथ ही वो मार्गदर्शक बनकर लोगों को उनकी आध्यात्मिक यात्रा में मदद भी करते हैं। उत्तराखंड के बागेश्वर में उनका एक आश्रम भी है, इस आश्रम में धीरेन्द्र शास्त्री अपने प्रवचनों से लोगों को गाइड करते हैं और मेडिटेशन के ज़रिये उन्हें आध्यात्म से जोड़ने का काम करते हैं।
खास अंदाज़ में डॉ विवेक बिंद्रा ने दिया बागेश्वर धाम जी का परिचय
डॉ विवेक बिंद्रा ने अपने खास अंदाज़ के साथ बड़ा भारत शो में श्री बागेश्वर धाम सरकार का परिचय दिया। उन्होंने कहा, जिस उम्र में बच्चे स्कूल जाते थे, उस उम्र में ये भाग कर मंदिर पहुँच जाते थे, परीक्षा के पर्चों में भले ही गलती कर दें, ज़िंदगीं में हर एक का पर्चा निकल देते हैं, एक वक़्त था रहने को घर बार नहीं था, आज देशभर में दरबार है, हनुमान जी के लाडले, बालाजी का है इनपर उपकार, धीरेन्द्र शास्त्री नाम है सब कहते हैं इन्हें बाबा बागेश्वर धाम सरकार।
धीरेन्द्र शास्त्री ने बताया कौन है उनके मुस्कान की असली वजह
इंटरव्यू के दौरान डॉ विवेक बिंद्रा ने बाबा बागेश्वर धाम से उनके चेहरे पर रहने वाली मुस्कान के बारे में भी बात की, उनसे पूछा कि उनकी इस मुस्कान का राज क्या है, क्या ये मुस्कान नैचुरल है या फिर कैमरे की वजह से वो अपने चेहरे पर हमेशा मुस्कान रखते हैं? इसके जवाब में धीरेन्द्र शास्त्री जी ने कहा कि “वो हमेशा से अपनी ज़िंदगी ख़ुशी के साथ ही जीते रहे हैं, कैमरा तो अब जाकर आया है लेकिन ये मुस्कान उनके चेहरे पर तब से है जब से पैदा हुए हैं।
हिन्दू राष्ट्र और धर्म परिवर्तन को लेकर धीरेन्द्र शास्त्री के विचार
लेकिन अपनी इस मुस्कान की असली वजह उन्होंने अपनी माँ को बताया। उन्होंने कहा जब में 5 या 6 साल का था तब मेरी माँ ने कहा था जब भी कभी घर से बाहर जाओ तो चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान रखना, उनकी वही बात आज तक मुझे याद रहती है। इसके साथ धीरेन्द्र शास्त्री जी ने ये भी बताया कि आज वो घर में रहकर अपनी मां की देखभाल नहीं कर पाते हैं इसका उन्हें अफ़सोस होता है तो इसपर उनकी मां ने उनसे कहा कि अब तुम्हारे दरबार में या तुम्हारे जीवन में जो भी सामने आये वो तुम्हारी माँ है, उसकी सेवा ही मेरी सेवा मान लो।
बाबा बागेश्वर धाम को कैसे मिली उनकी सिद्धियां
इस इंटरव्यू में डॉ विवेक बिंद्रा ने धीरेन्द्र शास्त्री जी से ये भी पूछा की उन्हें उनकी कृपा सिद्धि कैसे मिली? इस सवाल पर धीरेन्द्र शास्त्री जी ने अपनी सिद्धि प्राप्ति की पूरी कहानी को विस्तार में बताया। उन्होंने कहा तब वो 9-10 साल के थे, ज़िंदगी मुश्किलों में बीत रही थी, घर में बहुत गरीबी थी। तो एक दिन मैं अपने दादाजी के पास गया जो सभी को उनका भविष्य बताया करते थे। तब मैंने उनसे पूछा कि दादाजी आप मुझे भी किसी खजाने के बारे में क्यों नहीं बता देते? इस पर उनके दादाजी ने कहा कि अभी जाओ और रात को वापस आना। रात को जब धीरेन्द्र जी फिर से उनके पास गए तो उनके दादाजी ने उनसे अच्छी तरह से स्नान करने को कहा और हाथ पकड़ कर उनके साथ बागेश्वर मंदिर के सामने खड़े हो गए। जिसके बाद एक चमत्कार हुआ छोटे धीरेन्द्र को एक बहुत ही तेज और चमत्कारी रोशनी दिखाई दी, जिसे देखकर उनका शरीर कांपने लगा, उन्हें लगा जैसे उनके अंदर कुछ बदल गया है। उन्होंने मंदिर की ओर देखते हुए कहा कि आज से तुम हमारे और हम तुम्हारे धीरेन्द्र जी ने कहा कि रोशनी खुद हनुमान जी ने वहां पर प्रकट की थी।
धीरेन्द्र शास्त्री की शादी पर चर्चा
डॉ विवेक बिंद्रा से बात करते हुए धीरेन्द्र शास्त्री ने अपनी शादी और दोस्तों के बारे में भी बात की। धीरेन्द्र शास्त्री जी ने कहा कि वो अपने दोस्तों के साथ बड़े ही मस्तमौला अंदाज़ में रहना पसंद करते हैं, उनके साथ काफी हंसी मज़ाक भी करते हैं। उन्होंने कहा जब हमारे दोस्त बोलते हैं कि आपकी शादी हो रही है? तो हम बोलते हैं कि शादी हो रही है सो तो ठीक है लेकिन लफड़ा ये है कि वो टिकेगी कैसे? उसने झूठ बोला तो हमने पर्चा बना देना है, वैसे अपनी शादी के बारे धीरेन्द्र शास्त्री ने ये भी कहा कि वो जब भी शादी करेंगे तो अपने माता पिता की चुनी हुई लड़की के साथ ही करेंगे।
धर्म से राजनीति चलती है, राजनीति से धर्म नहीं चलता
इंटरव्यू के दौरान डॉ विवेक बिंद्रा ने बाबा बागेश्वर धाम को बताया, कि जब उन्होंने बीजेपी नेता मनोज तिवारी जी का इंटरव्यू लिया था तब मनोज तिवारी जी ने कहा था कि अगर किसी ने बाबा बागेश्वर धाम पर गोली चलायी तो वो उनकी ढाल बनकर सामने खड़े हो जायेंगे। इस पर डॉ विवेक बिंद्रा ने धीरेन्द्र शास्त्री से पूछा कि क्या आप कभी राजनीती से जुड़कर समाज सुधार का काम करना चाहेंगे? इस सवाल के जवाब में धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि करोड़ों का आध्यात्म 10 रुपए में कौन बहाए? धर्म से राजनीति चलती है, राजनीति से धर्म नहीं चलता, धर्म दंड के अंतर्गत जो राजनीती है और धर्मदंड की जो आचारसंहिता है उसको फॉलो करके राजनीती चलती है, राजनीती की आचारसंहिता को कभी धर्म दंड स्वीकार नहीं करता, बाप बाप होता है, बेटा बेटा होता है।
हिन्दू राष्ट्र और धर्म परिवर्तन को लेकर धीरेन्द्र शास्त्री के विचार
भारत को एक हिन्दू राष्ट्र बनाने के बारे में धीरेन्द्र शास्त्री जी ने कहा कि हिन्दू राष्ट्र हमें कागज़ में नहीं लोगों के दिलों में चाहिए, हिन्दू राष्ट्र का मतलब है भगवान् राम की यात्रा पर पत्थर ना फेंके जाएं, हिन्दू राष्ट्र का मतलब है इस देश के आराध्य प्रभु श्री राम को काल्पनिक ना बताया जाये, हिन्दू राष्ट्र का मतलब है बार बार हमारे देश की बहन बेटियों को लव जिहाद के चक्कर में ना फँसाया जाये, हिन्दू राष्ट्र का मतलब है साधु संतों पर पत्थर मारकर उनकी हत्या ना की जाये, हिन्दू राष्ट्र का मतलब है प्राचीन सनातनीय संस्कृति का पुन: ध्वज गाड़ना और उसके प्रति लोगों को मोड़ना।