इंडोनेशिया में रह रहे दो भाई साठ साल बाद गुरुवार को सरायमीर थाना क्षेत्र के मंजीर पट्टी गांव पहुंचे। परिजनों से मुलाकात की। बिछड़े भाईयों के मिलन से पूरे गांव में दिन भर खुशी का माहौल रहा।
मंजीर पट्टी गांव निवासी मोहम्मद फरीद 80 साल पूर्व इंडोनेशिया चले गए थे। विदेश पहुंचने के बाद वे वहीं रहने लगे। वर्ष 1975 में वे इंडोनेशिया से अपने गांव मंजीर पट्टी आ गए। गांव आने के सात माह बाद उनका निधन हो गया। इंडोनेशिया में रह रहीं उनकी दूसरी पत्नी के दो पुत्र ताजुद्दीन व कमालुद्दीन को अपने पिता के पैतृक गांव का नाम व पते की जानकारी थी। पिता के निधन की जानकारी नहीं थी। इसलिए वह मंजीर पट्टी में रह रहे परिजन से बात नहीं कर पा रहे थे। इन लोगों का कहना था कि फेसबुक पर मंजीर पट्टी गांव निवासी मोहम्मद ताहिर को देखा। फिर संपर्क साधकर ताहिर से उनका मोबाइल नंबर लेकर बात की। बात करने पर उन्होंने ताहिर से अपने पिता व बड़े भाई अबुल जैश व भतीजा शमीम समेत अन्य के बारे में पूछा। ताहिर ने उनके परिवार का मोबाइल नंबर दिया। परिवार के लोगों का नंबर मिला तो उनसे फोन पर बात हुई। फोन पर बात होने के बाद वे दोनों भाई अपने पिता के पैतृक गांव आने का इरादा बनाए। गुरुवार को इंडोनेशिया से अपने पिता के पैतृक गांव आ गए। मंजीर पट्टी आने के बाद भाइयों व परिजनों के अलावा रिश्तेदारों से भी मिले। दोनों भाइयों की खुशी देख सभी प्रफुल्लवित नजर ाआए।