दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। विद्युत विभाग में लाखों की चोरी का मामला जेई के ट्रांसफर होने के साथ ही दबा दिया गया। आपको बता दें कि चोरी का खुलासा होने के बाद तत्कालीन जेई ने विद्युत कर्मचारियों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई के लिए कहा था। लेकिन कर्मचारियों पर कानूनी कार्रवाई का हाथ पहुंचने से पहले ही जेई का दूसरे विद्युत उपकेंद्र तबादला करा दिया गया। जिसके बाद से चोरी का मामला पूरी तरह से विद्युत विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने रफा-दफा कर दिया । नगर के बिजली केंद्र पर जेई उमेश कुमार के निरीक्षण के दौरान बिजली घर से उपकरण चोरी होने का मामला सामने आया था। इसके बाद 33/11 केवीए के कमरों में रखी मशीनों से सामान चोरी होने का मामला खुला तो विद्युत डिवीजन में काफी खलबली मच गई।
विद्युत उपकेंद्र पूरनपुर से उपकरण चोरी होने का मामला
इतना ही नहीं चोरी हुए सामान की कीमत करीब दो से तीन लाख रुपए बताई गई और अवर अभियंता उमेश कुमार ने संविदा विद्युत कर्मचारियों पर आरोप लगाकर उनके खिलाफ कोतवाली पूरनपुर में नामजद तहरीर दे दी थी। इसके बाद मामले में अवर अभियंता पर कार्यवाही ना करने का दबाव बनाया गया और बात ना बनने पर आरोपी कर्मचारियों ने विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से अवर अभियंता का न्यूरिया तबादला कर दिया गया।
इस मिलीभगत के कारण विद्युत विभाग में चोरी हुए लाखों रुपए के उपकरण का मामला पूरी तरह से ठंडे बस्ते में चला गया। पुलिस विद्युत विभाग में हुई चोरी के मामले में तहरीर ना मिलने की बात कह रही है। वहीं दूसरी ओर विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी चोरी के मामले की जानकारी ना होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
बयान – एस के मधुकर, अधीक्षण अभियंता पीलीभीत
चोरी के मामले में मुझे पूरनपुर से कोई जानकारी नहीं दी गई है। अगर ऐसी कोई घटना हुई है तो पूरनपुर से रिपोर्ट मांगी जाएगी।
बयान – उमेश कुमार, अवर अभियंता
तहरीर देने के बाद मेरे ऊपर कार्रवाई न करने का काफी दबाव था, लेकिन मैंने कोई समझौता नहीं किया और तहरीर दी थी। लेकिन काफी समय हो जाने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है।