नई दिल्ली (ईएमएस)। कोल्ड ड्रिंक्स और च्युइंग गम आदि में एस्पार्टेम स्वीटनर होता है। यह बच्चों की सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है। इससे सावधान रहने की जरुरत है। गौरतलब है कि कोल्ड ड्रिंक्स और च्युइंग गम हमारी लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा बन चुके हैं। खासकर बच्चे इन चीजों को काफी पंसद करते हैं। लेकिन हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने इन ड्रिंक्स आदि में इस्तेमाल होने वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम को लेकर एक चौंकाने का खुलासा किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोल्ड ड्रिंक्स और च्युइंग गम आदि में मिठास के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम का इस्तेमाल होता है। ऐसे में लगातार इन फूड आइटम्स का सेवन करने से एस्पार्टेम की वजह से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। बता दें कि आर्टिफिशियल स्वीटनर एस्पार्टेम का इस्तेमाल डाइट ड्रिंक, शुगर-फ्री च्युइंग गम, जिलेटिन, आइसक्रीम, डेयरी उत्पाद जैसे दही, टूथपेस्ट और कुछ दवाओं जैसे कफ ड्रॉप आदि में किया जाता है। इनमें से ज्यादातर आइटम्स हम अक्सर इस्तेमाल करते हैं। बच्चे इन चीजों को खाना अधिक पसंद करते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चों का खास ख्याल रखें। साथ ही बच्चों को एस्पार्टेम से दूर रखने के लिए जरुरी चीजों से परहेज भी करना होगा।
विशेषज्ञ बताते हैं कि एस्पार्टेम एक कम कैलोरी वाला आर्टिफिशियल स्वीटनर है, जिसे आमतौर पर विभिन्न फूड आइटम्स और ड्रिंक्स में चीनी के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित कई देशों में इसे इस्तेमाल करने की इजाजत है। सीमित मात्रा में इसका सेवन बच्चों और बड़ों के लिए सुरक्षित माना गया है। लेकिन जरूरत से ज्यादा इसे खाने से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि कुछ लोग एस्पार्टेम के प्रति संवेदनशील या एलर्जिक हो सकते हैं। ऐसे में इसकी वजह से सिरदर्द, चक्कर आना या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। फिनिलकेटोनुरिया नामक दुर्लभ आनुवंशिक विकार वाले बच्चों को एस्पार्टेम से बचने की जरूरत है। एस्पार्टेम का उपयोग अक्सर शुगर फ्री खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में किया जाता है, लेकिन यह ऐसे फूड आइटम्स वास्तव में लोगों के वजन को कम करने में मदद नहीं करते हैं। दरअसल, कुछ अध्ययनों से पता चला है कि एस्पार्टेम वजन बढ़ा सकता है। बच्चों सहित कुछ व्यक्तियों को एस्पार्टेम के सेवन के बाद सिरदर्द या माइग्रेन का अनुभव हो सकता है।