लखीमपुर खीरी। बिजुआ ग्रामीण अंचल क्षेत्र में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। गांव के गरीब लोग जिनके पास रहने के लिए छत नहीं है। छप्पर या झिल्ली के नीचे परिवार का पालन पोषण कर रहे हों उनको शासन की ओर से निशुल्क प्रधानमंत्री आवास दिया जाता है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र मे भ्रष्टाचार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जहां गरीब परिवार को अपात्र करार दिया जाता है वहीं आवास के नाम पर प्रधान द्वारा रुपयों की मांग की जाती है। लाभार्थी द्वारा रुपए न दे पाने के एवज में पात्र को अपात्र में घोषित कर दिया जाता है।
महिला ने आवास के नाम पर रुपए मांगने का लगाया आरोप
ऐसा ही एक मामला विकासखंड बिजुआ की ग्राम पंचायत शिवपुरी का आया है। जहां की रहने वाली एक विधवा महिला सुनीता देवी पत्नी मुन्नालाल ने ग्राम प्रधानपति भोगनाथ पर आरोप लगाते हुए बताया कि पति की मौत हो जाने के बाद घर में कमाने वाला कोई नहीं है। बीते 6 सालों से पन्नी तान कर रहने को विवश हैं। वही बच्चों का पालन पोषण भी करना होता है। हिस्से में एक बीघा भूमि है। बच्चे छोटे होने के कारण घर में कमाने वाला कोई नहीं है।
अंत्योदय राशन कार्ड बना है जिसमें कोटेदार 35 किलो की जगह 30 किलो राशन देता है उसमें भी घर लाने पर 27 किलो ही निकलता है। विधवा महिला सुनीता देवी ने बताया कि गांव में बहुत से परिवार ऐसे हैं जिनके पास सब कुछ होते हुए भी उन्हें आवास मुहैया कराया गया है। परंतु मेरे पात्र होते हुए भी आज तक आवास नहीं मिल पाया है क्योंकि प्रधानपति भोगनाथ द्वारा आवास के नाम पर रुपए मांगे जाते हैं जो न दे पाने के कारण मुझे हर बार अपात्र करार दे दिया जाता है। इस मामले में ग्राम प्रधान पति भोग नाथ का पक्ष लेने के लिए कई बार फोन लगाया गया लेकिन उनका फोन रिसीव नही हुआ।