पीलीभीत : दुर्जनपुर में लाखों की लागत से बना आंगनबाड़ी केंद्र हुआ खड़हर

दैनिक भास्कर ब्यूरो

पीलीभीत। पूरनपुर जिले में बाल विकास परियोजना के तहत जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ कागजों में संचालित हो रहे हैं। सरकार भले ही जनहित में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना करके पीठ थपथपा रही हो लेकिन इसकी सच्चाई तो कुछ और ही बंया कर रही है। विकास खंड के कर्मचारियों की उदासीनता एवं भ्रष्टाचार से यह योजना सिर्फ कागज पर ही सिमट कर रह गई है। ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से बने आंगनबाड़ी केंद्र धूल फांक रहे हैं।

आपको बता दें कि गांव के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा से जोड़ने गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को पुष्टाहार दवाएं आदि देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र बनाया गया था। वर्षों से केंद्र की साफ सफाई न होने से केंद्र खड़हर में तब्दील हो गया है। केंद्र के बाहर बड़ी बड़ी घास खड़ी हुई है। अधिकारियों की अनदेखी से लाखों की लागत से बनाए गया यह आंगनबाड़ी केंद्र खंडहर बन चुका है। गांव के ग्रामीणों की माने तो भवन की खिड़कियां दरवाजे चोर उखाड़ ले गए हैं।

कागज में चल रहा था आंगनबाड़ी केन्द्र

केंद्र पर तैनात आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका भी केंद्र पर जाने की जरूरत नहीं समझती। अब गांव की गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी केंद्र पर नहीं जाते। गांव की ग्रामीणों की माने तो यह केंद्र वर्षाे से नहीं खुला है। केंद्र का भवन पूरी तरह से जर्जर होकर खंडहर में तब्दील हो चुका है। ग्राम पंचायत नवदिया दुर्जनपुर में कई साल पहले गांव के बाहर उत्तर दिशा की ओर लाखों की लागत से आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण कराया गया था। इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्र पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री औऱ सहायिका की भी नियुक्ति की गई थी।

ग्रामीणों के अनुसार वर्षाे से यह केंद्र नही खोला गया है। लेकिन पिछले दो साल से आंगनबाड़ी केंद्र को खोला ही नहीं गया। जिसके कारण पूरा भवन जर्जर हालत में है। केंद्र की साफ सफाई न होने के कारण केंद्र के चारों ओर बड़ी बड़ी घास की झाड़ियां उग आई है। बिना देखरेख के अभाव में यह भवन खंडहर बन चुका है। बेसहारा पशु डेरा जमाए रहते हैं। भवन के अंदर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। अधिकांश केंद्रों पर ताले लटक रहे हैं।

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