नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.1 प्रतिशत से 5.4 प्रतिशत कर दिया है। टमाटर और अन्य सब्जियां महंगी होने की वजह से रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के अनुमान में बढ़ोतरी की है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि घरेलू स्तर पर आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं।
दास ने कहा कि खरीफ की बुवाई और ग्रामीण मांग में सुधार तथा सेवाओं में तेजी और उपभोक्ता भरोसा बढ़ने से परिवारों के उपभोग को समर्थन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि हालांकि, कमजोर वैश्विक मांग, वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता, भूराजनीतिक तनाव परिदृश्य के लिए जोखिम हैं। इन सब कारकों को ध्यान में रखकर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का अनुमान है कि 2023-24 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5 प्रतिशत रहेगी। पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर आठ प्रतिशत, दूसरी में 6.5 प्रतिशत, तीसरी में 6 प्रतिशत और चौथी में 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। महंगाई के बारे में दास ने कहा कि टमाटर और अन्य सब्जियां महंगी होने से निकट भविष्य में मुख्य मुद्रास्फीति पर दबाव रहेगा। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि बाजार में नई फसल की आवक शुरू होने के साथ स्थिति में सुधार होगा।