
दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। विनियमित क्षेत्र से स्वीकृत मानचित्र से अलग निर्माण करने पर विचाराधीन मामले में सिटी मजिस्ट्रेट ने सुनवाई करने के बाद अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश को प्रभावी माना है। इसके ही साथ नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है कि अवैध निर्माण के मामले को वर्ष 2018 में सिटी मजिस्ट्रेट अर्चना द्विवेदी ने दर्ज किया था। शहर के मोहल्ला डोरीलाल में दिलीप कुमार अग्रवाल की भूमि पर अवैध निर्माण करने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। मामले में स्वीकृत मानचित्र से अलग निर्माण करने का आरोप था। वर्ष 2018 में सिटी मजिस्ट्रेट रहीं अर्चना द्विवेदी ने वाद दायर करते हुए कार्रवाई शुरू की थी।
सिटी मजिस्ट्रेट ने जारी किया अवैध निर्माण पर कार्रवाई का आदेश
इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट अरुण कुमार के समय अवैध निर्माण पर नियमानुसार शमन शुल्क लगाया गया था। लेकिन समन शुल्क जमा ना करने पर तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट ने व्यावसायिक भवन पर कार्रवाई करते हुए वर्ष 2021 में 14 जून को भूतल को सील करने के आदेश दिए थे, उसके बाद मामला एक बार फिर फाइलों में दबकर रह गया और अब नए सिरे से सुनवाई के बाद सिटी मजिस्ट्रेट सुनील कुमार सिंह ने पूर्व में जारी आदेश को प्रभावी मानते हुए व्यावसायिक भवन के भूतल को सील करने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही व्यावसायिक भवन के स्वामी को दो माह का समय देकर मानचित्र प्रस्तुत करने की हिदायत दी गई। इतना ही नहीं कंपाउंड का मानचित्र प्रस्तुत न कर पाने पर अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश किया गया है।