दैनिक भास्कर ब्यूरो
बरेली । जोगी नवादा में एक बार फिर माहौल गरमा गया। किसी ने बंद दुकान के आगे मांस फेंक दिया। जिससे इलाके में माहौल गरमा गया। लोगों ने एक बार फिर से दहशत के चलते अपनी दुकानें बंद कर दी। सूत्रों की मानें तों स्थानीय दुकानदारों का कहना था कि प्रशासन नें उनके व्यापार का मज़ाक़ बना के रख दिया हैं। कभी डर से दूर किया जाता हैं। तों कभी कहा जाता हैं कि यहां से कावड़ निकालने की अनुमति मिली हैं कभी अनुमति निरस्त की जाती हैं। उन्होंने कहा कि आखिर यहां हो क्या रहा हैं। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है कि मांस किसने रखा।
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन अलर्ट
बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा में बीती 23 जुलाई को कावड़ यात्रा निकालने के दौरान शाह नूरी मस्जिद के पास कुछ उपद्रवियों ने रंग उड़ाया था। इसके बाद पथराव और उसमें कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए थे। जिसमें कांवड़ियों ने रोड जाम कर दिया था। पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उसके बाद 30 जुलाई को एक बार फिर कावड़ जत्था निकालने का विरोध किया गया। उसके बाद पुलिस ने जोगी नवादा को छावनी में तब्दील कर दिया था। वहीं कावड़ यात्रा निकालने को लेकर कई तरह के बयान जारी हुए जिसमें अनुमति मिलने के बाद कावड़ यात्रा निकालने की बात कही गई। 20 अगस्त को एक बार फिर से कावड़ यात्रा निकालने की अनुमति मांगी गई थी। लेकिन प्रशासन ने उस अनुमति को भी कैंसिल कर दिया।
प्रशासन ने अनुमति की कैंसिल
प्रशासन से एक बार फिर 20 अगस्त को कावड़ यात्रा निकालने की अनुमति मांगी गई थी। पुलिस और एलआईयू रिपोर्ट के आधार पर प्रशासन ने एक बार फिर अनुमति निरस्त कर दी है। हालांकि प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है।
महंत नें मांगी थी कावड़ की अनुमति
जोगी नवादा में कावड़ यात्रा निकालने को लेकर 6 अगस्त को उसी रूट से कावड़ यात्रा निकालने के लिए महंत राकेश कश्यप और हरेंद्र मौर्य की ओर से प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी। जिसमें प्रशासन ने पुलिस एलआईयू रिपोर्ट के आधार पर आवेदन को निरस्त कर दिया था।
वर्जन
अपर सिटी मजिस्ट्रेट प्रथम एन राम का कहना है कि विवादित रूट से जोगी नवादा में एक बार फिर कावड़ यात्रा निकने की अनुमति मांगी गई थी। पुलिस और एलआईयू की जांच के आधार पर आवेदन को निरस्त कर दिया गया।