उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि बिजली विभाग के कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) के घोटाले की पटकथा पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में लिखी गई थी। उन्होंने कहा कि अब पूरे मामले की जांच सीबीआई (केंन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो) करेगी और इसमें किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।
ऊर्जा मंत्री ने रविवार को लोकभवन में एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि इस घोटाले की पटकथा वर्ष 2014 में उस समय लिखी गई थी, जब उत्तर प्रदेश (उप्र) स्टेट पावर सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट एवं उप्र पावर कारपोरेशन अंशदायी भविष्य निधि ट्रस्ट के बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि बैंक से इतर अधिक ब्याज देने वाली संस्थाओं में भी भविष्य निधि का पैसा निवेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाद में 2016 में इसी फैसले को आधार बनाकर निजी फाइनेंस कंपनी में निवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (डीएचएफसीएल) में निवेश का काम 17 मार्च 2017 से प्रारंभ किया गया।
श्रीकांत ने कहा कि ये सब उस समय हुआ जब प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार थी। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश की वर्तमान योगी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रही है। योगी सरकार को जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली प्रथम दृष्टया दो दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराके उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। उर्जा मंत्री ने कहा कि योगी सरकार इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने जा रही है। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले की जांच करेगी। पत्रकार वार्ता में उपस्थित अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सीबीआई जांच का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि विषय की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने रात में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मांग की। मंत्री ने मुख्यमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि जब तक मामला सीबीआई के हाथों नहीं जाता तब तक महानिदेशक आर्थिक अपराध शाखा को जांच का जिम्मा दिया जाए। इस घोटाले के प्रकाश में आते ही प्रदेश की प्रमुख विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस महामंत्री प्रियंका गांधी योगी सरकार पर हमलावर हो गये।
पत्रकार वार्ता के दौरान श्रीकांत शर्मा ने दोनों विपक्षी नेताओं पर जमकर पलटवार करते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते। ऊर्जा मंत्री ने पूरे घोटाले का ठीकरा पूर्ववर्ती सपा सरकार पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं के दल जब भी सत्ता में रहे भ्रष्टाचार खूब फला फूला। मंत्री ने कहा कि मामले की सीबीआई जांच करेगी। इस गंभीर मामले में जो भी अधिकारी या अन्य लोग दोषी होंगे सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। एक सवाल के जवाब में श्रीकांत शर्मा ने कहा कि इस मामले में बिजली विभाग के कर्मचारियों का अहित नहीं होने पायेगा। उनके भविष्य निधि का एक-एक पैसा वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग कर्मचारियों के सभी देयों का भुगतान सुनिश्चित करेगा।
उल्लेखनीय है कि बिजली कर्मचारियों के भविष्य निधि के हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का मामला प्रकाश में आने के बाद शनिवार को राजधानी के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और प्रथम दृष्टया दो दोषी अधिकारियों, तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी एवं ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव पीके गुप्ता को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया गया।