सीतापुर। फसलों के अवशेषों को न जलाए जाने को लेकर कृषि विभाग अभी से सचेत हो गया है। उसने किसानों से अपील की है कि वह अवशेषों को जलएं नहीं। उप कृषि निदेशक एसके सिंह ने जनपद के समस्त कृषकों से अपील करते हुए कहा है कि किसान कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ यथा सम्भव सुपर एस0एम0एस0 का प्रयोग करें जिससे पराली प्रबन्धन कटाई के समय ही हो जाये। सुपर एस0एम0एस0 के विकल्प के रूप में अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन के यन्त्र जैसे-स्ट्रारीपर, स्ट्रारेक व बेलर, मल्चर, पैड स्ट्राचापर, श्रबमास्टर, रोटरी स्लेशर, रिवर्सिबुल एम0बी0 प्लाऊ का भी प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जाये, जिससे खेत में फसल अवशेष बण्डल बनाकर अन्य उपयोग में लाया जा सके अथवा काटकर मिट्टी में मिलाया जा सके।
उप कृषि निदेशक ने जिले के किसानों से पराली ना जलाने की अपील की
कम्बाईन हार्वेस्टर के संचालक की जिम्मेदारी होगी कि कटाई के दौरान उपरोक्त समस्त व्यवस्था स्वयं सुनिश्चित कराते हुये कटाई का कार्य करेंगे। यदि कम्बाईन स्वामी द्वारा बिना फसल अवशेष प्रबन्धन के यंत्रों यथा एस0एम0एस0, स्ट्रारीपर, स्ट्रारेक आदि का उपयोग बिना कम्बाईन का प्रयोग किया जाता है तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। यदि कोई किसान बिना पराली हटाये रबी की बुवाई के समय जीरो टिल सीड कम फर्टी ड्रिल, हैपीसीडर या सुपर सीडर का प्रयोग कर सीधे बुवाई करना चाहता है ।
वहीं डीकम्पोजर का प्रयोग कर पराली का प्रबन्धन करना चाहता है तो ऐसे किसान अनिवार्य रूप से इस आशय का घोषणा पत्र सम्बन्धित उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी को देंगे कि उसके द्वारा पराली नहीं जलायी जायेगी, अपितु रबी की बुवाई के समय उक्त यंत्रोंध्डीकम्पोजर का प्रयोग किया जायेगा। जनपद के समस्त कृषि बंधुओं से अनुरोध है कि फसल अवशेष को न जलायें तथा अपनी मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनायें। पराली प्रबन्धन किये जाने हेतु अधिक से अधिक पराली मिट्टी में मिलाकर, कम्पोस्ट खाद बनाकर, गौशालाओं/गौसेवकों को उपलब्ध करायें।