कानपुर। केडीए बोर्ड की 138 बैठक मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिसमें मैट्रो के क्षेत्र में पड़ने वाले स्टेशन और आवासीय व व्यवसायिक भवनो के संबध में टीओडी पर विस्तार से चर्चा हुई।दो श्रेणी में जिसमें एक हेक्टेयर से कम व एक हेक्टेयर से ज्यादा के भवन में बांटा गया।
ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) जोन मेट्रो रूट के दोनों तरफ 500 मीटर के दायरे में आवासीय मकानों में व्यावसायिक उपयोग हो सकेगा।टीओडी में आने वाले मकानों की ऊंचाई (फ्लोर एरिया रेशियो) भी बढ़ सकेगी। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए मंगलवार को केडीए बोर्ड बैठक संपन्न हुई। इसमें टीओडी के संबंध में शहरवासियों से आपत्तियां, सुझाव के प्रस्ताव लिये जाएगें।इससे इस रूट के आसपास व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। खरीदारों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा। प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) कॉरिडोर-1 के तहत आईआईटी से मोतीझील, माल रोड, एक्सप्रेस रोड, कानपुर सेंट्रल, झकरकटी, बारादेवी होते हुए नौबस्ता तक 23 किलोमीटर में मेट्रो ट्रेनों के संचालन के लिए रूट तैयार कर रहा है।
इसी तरह कॉरिडोर-2 के तहत सीएसए से डबल पुलिया, विजयनगर होते हुए बर्रा-8 तक आठ किलोमीटर में मेट्रो ट्रेनें चलेंगी। इसमें से साढ़े तीन किलोमीटर भूमिगत रूट और तीन स्टेशनों के निर्माण के लिए टेंडरों का तकनीकी अध्ययन हो रहा है। इसके मद्देनजर केडीए बोर्ड की 19 नवंबर 2020 को बैठक हुई थी।
– टीओडी सै लाखों होगें लाभान्वित
इसमें गठित समिति ने कानपुर महायोजना-2021 के नक्शे में टीओडी जोन का परीक्षण किया। समिति ने मेट्रो ट्रैक के दोनों तरफ 500 मीटर से ज्यादा दूरी के मोहल्लों की स्थिति, सड़क आदि के आधार पर टीओडी जोन चिह्नित किए हैं। 500 मीटर से ज्यादा दूरी इसलिए लेनी पड़ी क्योंकि बाउंड्री, सड़क आदि चिह्नित नहीं हो पा रही थी। टीओडी जोन और इसमें रहने वाले लाखों लोग लाभान्वित होगें। टीओडी जोन का प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक भवनों, प्लाट मालिकों को इस नीति का लाभ दिलाने की तैयारी की जा रही है।
– सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित
आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग की चार तारीख को हुई बैठक में केडीए को टीओडी जोन चिन्हित करने और प्राधिकरण बोर्ड की अनुमति लेते हुए जल्द से जल्द अधिसूचित करने, नियमानुसार नक्शा स्वीकृत करने के निर्देश दिए।बैठक में मण्डलायुक्त अमित गुप्ता, उपाध्यक्ष विशाख जी., सचिव शत्रोधन वैश्य सहित बोर्ड के सदस्य व मेट्रो अधिकारी मौजूद रहे।