दैनिक भास्कर ब्यूरो,
बरेली। पर्चा, बनवाने, डॉक्टर को दिखाने, जांच व दवा लेने में लाइन में खड़े-खड़े बुखार से तप रहे मरीजों का दर्द और बढ़ रहा है। एक तरफ डेंगू का डंक तो दूसरी तरफ लाइलाज बनता मर्ज मरीज़ और बढ़े न तो और क्या हो। जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को तीन चार घंटे इंतजार के बाद इलाज मिल रहा है।
मलेरिया, बुखार का हमला तेज़ होता जा रहा है। मरीज़ो कों क़ाबू करना जिला अस्पताल के बस में नहीं रहा। स्वास्थ्य विभाग के किए गए दावों के बाद जिला अस्पताल में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हर दिन डेंगू के करीब सौ संदिग्ध मरीज मिल रहे हैं। हालात यह है डेंगू ने जिले में दोहरे शतक का आंकड़ा भी पार कर लिया। मगर सीएमओं डॉक्टर विश्राम सिंह अपने कार्यालय में बैठकर अपने नाम के महत्व कों दर्शाकर आराम फरमा रहें है। अब तक 16 वार्डों में मरीज मिल चुके हैं। जिसमें आकड़ो के मुताबिक 287 मरीज़ो में डेंगू की पुष्टि हुई है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक हवा में हल्की ठंड घुलने के बाद मलेरिया के मामलों में कमी आ रही है, लेकिन डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है। हालात यह है शहर में सर्वाधिक प्रभावित इलाका बानखाना बना हुआ है। जबकि बीते वर्ष सीबीगंज डेंगू क्लस्टर बना था। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले भर में डेंगू और मलेरिया को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें लोगों की जांच की जा रही है। लेकिन यह जांच सिर्फ कागज़ो में दिखाई पड़ती है। धरातल पर जिला अस्पताल का काम ज़ीरो नज़र आता है।
वही आईडीएसपी इंचार्ज डॉ. मीसम अब्बास के मुताबिक डेंगू के मामले एक साल के अंतराल पर बढ़ते-घटते रहते हैं। जबकि जिला अस्पताल में पर्चा बनवाने से लेकर डॉक्टर को दिखानें और दवा के लिये भी मरीज़ो कों लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है।
जिला अस्पताल में लाइन में लगें मरीज़ो सें बात की तों एक शख्स का कहना था पहले लाइन में लगकर डॉक्टर को दिखाया डॉक्टर नें जांच कराने कों कहा जांच कराने के लिए वे एक घंटे से लाइन में लगी हैं। अभी उनका नंबर नहीं आया है। नंबर आने पर वे जांच कराएंगी। ऐसा लगता है जिला अस्पताल की तैयारी अभी भी अधूरी है। दर्द से कराहते मरीज़ जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। लेकिन इलाज के नाम पर मरीज़ो सें सिर्फ लाइन लगवाई जा रही है।