फोटो-04 जांच के दौरान।
दैनकि भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। सरकार की लाख कोशिश के बाद भी पीलीभीत में धान खरीद व्यवस्था में पारदर्शिता नहीं लाई जा रही है। बिचौलिया और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते धान का समर्थन मूल्य मिलना किसानों के लिए स्वप्न सा बन गया है। मण्डी स्तर की भ्रष्ट नीतियों के खिलाफ सचल दल की टीम को बैरंग लौटना पड़ा है।
किसानों को समर्थन मूल्य योजना का लाभ दिलाने को मंडल आयुक्त ने गठित किया सचल दल
मंडला आयुक्त सौम्या अग्रवाल ने धान खरीद में किसानों को सरकार का समर्थन मूल्य मिल सके इसके लिए सचल दल की टीम गठित की है। लेकिन मंडी स्तरीय अधिकारियों और बिचौलियों की मिली भगत के चलते सचल दल की टीम को पीलीभीत से बैरंग लौटना पड़ा। पीलीभीत मंडी पहुंची टीम ने धान खरीद केन्द्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान कुछ देर के लिए अधिकारियों में हड़कंप मचा रहा। टीम ने मण्डी पीलीभीत और पूरनपुर का निरीक्षण किया। लेकिन टीम को पूर्ण रूप से सहयोग नहीं मिला। इसके चलते मंडल स्तरीय टीम को आधी अधूरी जांच पड़ताल और बिना किसानों से मिले लौटना पड़ गया।
मंडल स्तरीय सचल दल की टीम में अवधेश कुमार सहायक कृषि विपणन अधिकारी बरेली मंडल, एसएएमआई रवि कुमार पीलीभीत, मंडी सचिव अशोक कुमार पीलीभीत को शामिल किया है। सचल दल मंडी में पहुंचकर धान की आवक, निकासी और किसानों से मिलकर समर्थन मूल्य मिलने की मंडला आयुक्त को रिपोर्ट प्रेषित करेगा। लेकिन स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के चलते और असहयोग के बाद सचल दल की टीम खाना पूरी करने के बाद लौट गई। धान खरीद के संबंध में जानकारी करने पर मंडी सचिव अशोक कुमार ने बताया कि राइस मिलों में खरीदे गए धान की कोई जानकारी नहीं है। मिल संचालक स्वयं ऑनलाइन धान खरीद कर रहे हैं।