– भारतीय एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम के जवाब में खुद को मजबूत करना है मकसद
इस्लामाबाद (हि.स.)। पाकिस्तान सशस्त्र बलों ने बुधवार को सतह से सतह पर मार करने वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अबाबील’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस मिसाइल की ‘घोषित’ मारक क्षमता 2,200 किमी. है, जिसकी जद में भारत भी आता है। इसका उद्देश्य भारतीय एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम के जवाब में बढ़ते क्षेत्रीय बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) वातावरण में पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइलों की क्षमता बढ़ाना है।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मिसाइल का घोषित उद्देश्य भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों से आगे निकलना है। सैद्धांतिक रूप से इसका उपयोग भारत के परमाणु शस्त्रागार को नष्ट करने के लिए जवाबी हमले में भी किया जा सकता है। मिसाइल की लंबाई 21.5 मीटर और व्यास 1.7 मीटर है और इसे पारंपरिक और परमाणु हथियार दोनों ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें कई स्वतंत्र रूप से लक्षित रीएंट्री वाहन (एमआईआरवी) हैं, जो दक्षिण एशिया के पहले एमआईआरवी पेलोड का प्रदर्शन करते हैं। इसकी अधिकतम मारक सीमा 2,200 किलोमीटर यानी 1,400 मील है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के पास इतनी क्षमता वाली पहली मिसाइल होगी। यह कुल 1,500 किलोग्राम (3,307 पाउंड) हथियार ले जा सकती है, जिसमें 500 किलोग्राम (1102.3 पाउंड) के तीन मानक हथियार या 300 किलोग्राम (661.4 पाउंड) के 5 या 185 किलोग्राम (408 पाउंड) वजन के 8 अधिकतम हथियार हो सकते हैं। अबाबील को शाहीन-III एयरफ्रेम और ठोस-ईंधन मोटर्स का विकास कहा जाता है लेकिन यदि यह वास्तव में शाहीन-3 मिसाइल का विकास है तो इसकी हथियार ले जाने की क्षमता बढ़ गई है, लेकिन सीमा 2,750 किमी (1,709 मील) से घटकर 2,200 किमी (1,400 मील) हो गई है। इस मिसाइल का पहला सार्वजनिक रूप से घोषित परीक्षण लॉन्च 24 जनवरी, 2017 को किया गया था।