दैनिक भास्कर ब्यूरो ,
बरेली। शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराणा प्रताप हास्पिटल के दो हिस्से हैं, बीच से एक सड़क गुजरती है, जिस पर एक पुल बनाया गया है। इस पुल पर मरीजों को चढ़ाने के लिए लगी लिफ्ट चार महीने से खराब है। जिम्मेदार अफसर मौन हैं और समस्या यह है कि पुल से मरीजों को कौन और किस तरीके से ले जाये।
बताया जा रहा है कि लिफ्ट में लगा कोई पुर्जा खराब है जिसकी सप्लाई कर्नाटक से होनी है। जिला अस्पताल में लिफ्ट स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लाखों रुपये खर्च करके इस मकसद से लगाई गई थी कि बीमार मरीज आसानी से अस्पताल के एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक जा सके। इसके बावजूद कई महीने बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने इसकी सुध नहीं ली है। अस्पताल से गुजरने वाले ओवरब्रिज की हालत है कि यहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है। काफी समय से यहां सफाई नहीं हुई है।
हालांकि अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोगों का कहना है कि लिफ्ट का मेंटीनेंस स्मार्ट सिटी के तहत होगा जिसके लिए स्मार्ट सिटी से जुड़े प्रोजेक्ट हेड को बता दिया है। लिफ्ट पर तैनात भूपेंद्र सिंह नाम के कर्मचारी ने फोन पर बताया कि अस्पताल गेट पर लगी लिफ्ट एक तरफ से काम कर रही है। इसके लिए सेंसर या कोई अन्य पार्ट बाहर से आना है। लिफ्ट के खराब होने के बारे में अस्पताल प्रबंधन को जानकारी है । वह लिफ्ट पर कर्मचारी के रूप में तैनात है।
साफ सफाई की कोई दिक्कत नहीं है। जिला अस्पताल की सीएमएस अलका शर्मा ने बताया कि लिफ्ट का कोई पार्ट खराब हो गया है। यह पार्ट बाहर से आना है। इस संबंध में कार्रवाही जारी है । पार्ट आने पर लिफ्ट को जल्द शुरू करा दिया जाएगा और मरीजों के लिए जल्द यह सेवा उपलब्ध हो जाएगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी ने सुशील सक्सेना ने बताया कि लिफ्ट के पार्ट को मंगवा लिया गया है जल्द ठीक हो जाएगी।
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