लखनऊ। यूपी डायल 112 की महिला कर्मियों के प्रदर्शन के बाद योगी सरकार ने एडीजी अशोक कुमार को हटा दिया है। उनकी जगह पर नीरा रावत को डायल 112 की कमान सौंपी गई है।
उत्तर प्रदेश में डायल 112 सेवा में महिला संविदाकर्मियों के बवाल के बाद एडीजी अशोक कुमार सिंह को हटा दिया गया है। उनकी जगह पर आईपीएस नीरा रावत को लाया गया है। इससे पहले नीरा रावत के पास 1090 का संचालन करने का जिम्मा था। वहां पर भी कॉल सेंटर द्वारा कॉलिंग की जाती है।
महिला संविदा कर्मियों के प्रदर्शन ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया था, जिसके बाद शासन ने डायल 112 से ADG को हटा दिया। उन्हें पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से अटैच किया गया है। अब यूपी 112 का प्रभार नीरा रावत के पास है। वो अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन थीं। हालांकि, शासन के इस कदम के बीच प्रदर्शन कर रही महिला संविदाकर्मी लखनऊ के ईको गार्डन में ही मौजूद हैं। रात उन्होंने खुले आसमान के नीचे काटी। वहीं, संविदाकर्मियों की सुरक्षा के लिए पुलिस के साथ PAC भी तैनात कर दी गई है।
क्या है संविदाकर्मियों की मांग?
दरअसल, बीते दिन उत्तर प्रदेश में इमरजेंसी नंबर 112 में संविदा पर काम कर रही महिलाएं सैलरी में बढ़ोतरी और जॉइनिंग लेटर की मांग को लेकर दफ्तर के बाहर ही धरने पर बैठ गईं। आउटसोर्सिंग के जरिए डायल 112 में काम कर इन महिलाओं की मांग है कि उनकी सैलरी को 12000 से बढ़ाकर 18000 रुपये किया जाए।
इन महिला संविदाकर्मियों ने लखनऊ में पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया और नियुक्ति पत्र भी दिए जाने की मांग की। दावा किया जा रहा है कि आउटसोर्सिंग कंपनी का कांट्रेक्ट खत्म हो गया है, जिसके बाद नई कंपनी को टेंडर दे दिया गया है। लेकिन कंपनी कई महिलाओं को निकालने की तैयारी कर रही है।
जबकि, महिला कर्मचारियों को नई कंपनी ने नियुक्ति पत्र नहीं दिया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्हें नियुक्ति पत्र दिए जाने की जगह नई भर्ती भी शुरू कर दी गई है। जिसके बाद धरने पर बैठी महिला संविदाकर्मियों ने कंपनी के CEO और ज़िम्मेदार लोगों को बुलाने की मांग कर दी। लेकिन बाद में उन्हें जबरन पुलिस मुख्यालय से हटाकर ईको गार्डन भेज दिया गया. जहां महिलाओं का प्रदर्शन जारी है। बता दें कि UP डायल 112 में आउटसोर्स में करीब छह सौ महिलाएं काम काम करती हैं जिसमें से तकरीबन सौ महिलाएं धरना प्रदर्शन कर रही हैं।