लखीमपुर : सरकारी आवास और शौचालय जैसी योजनाओं को धरातल पर धवस्त कर रहे अधिकारी

  • पीड़ित ने प्रधान पर सूची मे नाम होने के बावजूद चुनावी रंजिशन नाम हटवाने का लगाया आरोप
  • पात्रता धारक होने के बावजूद भी सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए दर-दर भटक रहा परिवार

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

ईसानगर खीरी। सरकार की चलाई जा रही जन उपयोगी योजनाओं का लाभ तब तक धरातल पर जरूरतमंदों को नहीं मिल सकता जब तक उसक योजना को सफल मूर्ति रूप देने वाले अधिकारी भी ना चाहे। लखीमपुर खीरी के ब्लॉक ईसानगर अंतर्गत अधिकारियों द्वारा सरकार की गरीबों तक पहुंचाई जाने वाली तमाम योजना जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय योजना इत्यादि का लाभ सही पात्रता रखने वाले ग्रामीणो तक नहीं पहुंचाया जा रहा है।

तमाम ग्रामीण ब्लाक स्तरीय अधिकारियों से लगाकर जिला स्तरीय अधिकारियों तक गुहार लगाने के बाद सरकार से फरियाद लगाने को मजबूर है। बहुत ही आसानी से जनप्रतिनिधि और अधिकारी अपने चहेतों को लाभ दिलाने के कारण वास्तविक पात्रता धारकों के हिस्से के लाभ की बलि चढ़ा देते हैं। 

लखीमपुर खीरी के ब्लॉक ईसानगर की ग्राम पंचायत खनवापुर निवासी बहादुर पुत्र रमई ने ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से लगाकर सीडीओ व डीएम तक प्रार्थना पत्र देकर फरियाद लगाई। पीड़ित बहादुर ने दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उसकी पत्नी नीता देवी लाभार्थी जिसका आईडी नंबर 2351387117 व उसके पुत्र धर्मेंद्र कुमार जिसकी आईडी नंबर 2351387251 है।

दोनों लाभार्थियों का नाम जांच के बाद शौचालय सूची मे पंजीकृत किया गया लेकिन ग्राम प्रधान खनवापुर ने चुनावी रंजिश के चलते दोनों को शौचालय सूची के सत्यापन में अपात्र कर दिया। पीड़ित ने अपनी हालात के बारे में भी बताया कि पीड़ित बहुत ही गरीब है। पीड़ित के प्रार्थना पत्र देने के बाद जब कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसके बाद पीड़ित ने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को प्रार्थना पत्र देकर जांचोंपरांत शौचालय आवास दिलाए जाने की गुहार लगाई हैं।

पीड़ित बहादुर का आरोप है कि जांच अधिकारी द्वारा गलत आख्या लगा दी गई इसके बाद पीड़ित ने जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत पूर्व में दिलाए जाने वाले शौचालय की दी गई धनराशि के बारे में जानकारी मांगी जिस पर प्रार्थी को उचित जानकारी नहीं दी गई।

वर्जन –

तत्कालीन सहायक विकास अधिकारी शिव आशीष श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से ऑनलाइन संदर्भ शिकायत संख्या 12153230149460 के शिकायती पत्र का संदर्भ ग्रहण करने के बाद ग्राम पंचायत से संबंधित तत्कालीन सचिव अनिल कुमार सिंह द्वारा जांच कराई जिसमें पाया गया कि शिकायतकर्ता को पूर्व में शौचालय का लाभ दिया जा चुका है। शिकायतकर्ता द्वारा पूर्ण नहीं कराया गया था इसलिए दोबारा शौचालय का लाभ दिया जाना संभव न होना बताकर आरोप निराधार बताया।

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