भारत में लाखों छात्र संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की तैयारी करते हैं। इस परीक्षा में सफलता के लिए सही मार्गदर्शन मिलना जरूरी है, इसके लिए कई छात्र कोचिंग कक्षाओं में शामिल होते हैं, लेकिन कुछ उम्मीदवार आर्थिक परेशानियों के चलते ऐसा नहीं कर पाते। ऐसे छात्रों को इलाहाबाद विश्वविद्यालय निशुल्क कोचिंग के साथ आर्थिक सहायता प्रदान करेगा। इसका लाभ उठाने के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
किसे मिलेगा लाभ?
इलाहाबाद विश्वविद्यालय अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अनुसूचित जाति (SC) के उम्मीदवारों को कोचिंग के साथ 75,000 रुपये की स्कॉलरशिप प्रदान करेगा। ये स्कॉलरशिप केवल 1 वर्ष की अवधि के लिए दी जाएगी। इसके अलावा मुख्य परीक्षा पास करके इंटरव्यू की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को 15,000 रुपये अतिरिक्त सहायता के तौर पर प्रदान किए जाएंगे। इस योजना के तहत भरी जाने वाली कुल सीटों में से 33 प्रतिशत सीटें महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित होंगी।
कैसे होगा चयन?
इस स्कॉलरशिप का लाभ उठाने के लिए छात्रों को प्रवेश परीक्षा में भाग लेना होगा। परीक्षा 24 दिसंबर को आयोजित होगी और इसका परिणाम 28 दिसंबर को घोषित किया जाएगा। इस परीक्षा में सामान्य अध्ययन और सामान्य जागरूकता से संबंधित सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा के जरिए कुल 100 छात्रों का चयन किया जाएगा। इसके बाद 3 जनवरी, 2024 से छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा और 8 जनवरी से कोचिंग कक्षाएं शुरू हो जाएंगी।
इस स्थिति में रद्द होगा पंजीकरण
इस योजना के तहत छात्रों को 1 साल के लिए कोचिंग उपलब्ध कराई जाएगी। योजना का लाभ जारी रखने के लिए उम्मीदवारों को नियमित तौर पर कोचिंग कक्षा में उपस्थित रहना होगा। अगर कोई अभ्यर्थी 15 दिन से ज्यादा समय तक कोचिंग में अनुपस्थित रहता है तो उसका पंजीकरण समाप्त हो जाएगा और उसे स्कॉलरशिप के पैसे वापस करने होंगे। योजना के सुचारू रूप से संचालन के लिए विश्वविद्यालय में डॉक्टर अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना भी की गई है।
18 दिसंबर है आवेदन की आखिरी तारीख
इस स्कॉलरशिप योजना के लिए आवेदन की आखिरी तारीख नजदीक है। उम्मीदवार 18 दिसंबर तक पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां अधिसूचना लिंक पर क्लिक कर छात्र आवेदन कर सकते हैं। पंजीकरण के दौरान शैक्षिक अंकसूची के साथ बैंक खाते का विवरण भी जमा करना होगा। पहले योजना की राशि विश्वविद्यालय के खाते में भेजी जाती थी, लेकिन अब इसे सीधे छात्रों के खाते में भेजा जाएगा।
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