बस्ती। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय संयोजक (आईटी सेल) संजय द्विवेदी ने कहा है कि नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले के विज्ञापन से चयनित शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विज्ञापन संख्या 1/2002 के तहत नई पेंशन योजना लागू होने के बाद नियुक्त सहायक अध्यापक याचियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने का निर्देश दिया है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलाध्यक्ष जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से सूचनाओं का संग्रह कर प्रदेश कार्यालय को उपलब्ध कराएं।
उन्होंने कहा कि कोर्ट ने अपने नवीन निर्णय में कहा कि नई पेंशन स्कीम लागू होने से पहले के विज्ञापन से चयनित सहायक अध्यापकों को पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। इसी के साथ कोर्ट ने सरकार के इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया कि सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद की गई है, इस कारण वे नई पेंशन स्कीम में होंगे। कहा गया था कि सभी सहायक अध्यापकों की नियुक्तियां एक अप्रैल 2005 के बाद की गई हैं। इस कारण वे पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ पाने के हकदार नहीं है। वे नई स्कीम में आते हैं। याचिकाओं में इसे चुनौती दी गई थी।
उन्होंने ने बताया कि याचिकाओं पर अधिवक्ता की दलील थी कि याची के साथ चयनित और नियुक्त अन्य सभी अध्यापकों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ मिल रहा है लेकिन याचियों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रभावित अन्य शिक्षकों को भी न्यायालय का रास्ता अख्तियार करना चाहिए।
संजय द्विवेदी ने कहा है कि प्रदेश के विषय विशेषज्ञ शिक्षक भी 2002 में सेवा में आए थे, उनका आमेलन 2006- 07 में हुआ है, उन्हें भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए। इसके लिए शिक्षा निदेशक माध्यमिक को पत्र लिखा गया है।
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