नई दिल्ली (ईएमएस)। सिंघाडा अनगिनत पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। सिंघाड़ा में विटामिन ए, विटामिन सी, मैंगनीज, फाइबर, फोस्फोरस, आयोडीन, मैग्नीशियम समेत तमाम पोषक तत्व होते हैं, जो इसे बेहद खास बनाते हैं। सिंघाड़ा कई बीमारियों से बचाने में कारगर साबित हो सकता है और आयुर्वेद में इसे सेहत के लिए वरदान माना गया है। कई रिसर्च में भी सिंघाड़े के फायदों पर मुहर लग चुकी है। इसे कच्चा या उबालकर दोनों तरह से खाया जा सकता है। इसके बड़े फायदे आपको जरूर जानने चाहिए।सिंघाड़ा को कई क्रोनिक बीमारियों से बचाने में बेहद असरदार माना जा सकता है। हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार सिंघाड़ा पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट फेरुलिक एसिड, गैलोकैटेचिन गैलेट, एपिकैटेचिन गैलेट और कैटेचिन गैलेट का एक बड़ा स्रोत है। ये एंटीऑक्सिडेंट शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने में मदद करते हैं, जिससे पुरानी बीमारियों को दूर किया जा सकता है। सिघाड़ा को हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है।
इस फल में भरपूर मात्रा में पोटैशियम होता है, जो हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद सोडियम ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है। सिंघाड़े में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है, जिसकी वजह से इसका सेवन करने से सेहत को कोई नुकसान नहीं होता है। सिंघाड़े को बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाला माना जाता है और हार्ट हेल्थ को बूस्ट करने वाला माना जाता है। सिंघाड़े में हेल्दी फैट होता है जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। यह बैड कोलेस्ट्रॉल के साथ ट्राइग्लिसिराइड्स को भी कंट्रोल करता है। इसका सेवन करने से हार्ट हेल्थ बेहतर होती है और हार्ट डिजीज का खतरा कम हो सकता है। सिंघाड़ा फाइबर का एक बड़ा स्रोत है। कई शोध से पता चलता है कि प्रचुर मात्रा में फाइबर खाने से ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
फाइबर बाउल मूवमेंट में सुधार करता है और आपके पेट को स्वस्थ रखने में मदद करता है। कच्चे सिंघाड़े में 74 प्रतिशत पानी होता है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। सिंघाड़े के गूदे में फेरुलिक एसिड बहुत अधिक मात्रा में होता है, जो एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह एसिड ऑक्सीडेटिव तनाव और कैंसर के खतरे को कम करने से जुड़ा हुआ है। कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है। मोटापे से जूझ रहे लोगों के लिए सिंघाड़ा वरदान हो सकता है और इसका सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है। यह एक ऐसा फल है, जो जून से दिसंबर के बीच उगाया जाता है और इसे लोग काफी पसंद भी करते हैं। यह फल दिखने में भले ही अजीबोगरीब दिखता है।