गोंडा। सिविल लाइन कोतवाली नगर निवासी 33 साल के नौ जवान बाबा राम स्वरूप दास विहिप कार्यकर्ता पर गोंडा रेलवे स्टेषन से कारसेवकों यत्व था, उसी दौरान बाबा राम स्वरूप 30 अक्टूबर 1990 में राम मंदिर के विवादित ढांचे पर झंडा फहरा दिया तो पुलिस ने फायरिंग की और एक गोली उनके पैर में लगी।
वह मंदिर के पास बेहोष हो गये। पुलिस ने कारसेवको को नदी में फेंक दिया। इनमें बाबा राम स्वरूप दास के साथ एक कानपुर व एक कलक्त्ता का व्यक्ति जीवित रहा। यहां पर एक पीएसी का जवान उन्हें पहचान लिया और वह उन्हें डोंगरा अस्पताल पफैजाबाद में भर्ती कराया गया। गोली निकालने के बाद तत्कालीन सांसद सत्यदेव सिंह के प्रयास से गोडा अस्पताल लाया गया।
यहां पर तीन माह बाद वह स्वस्थ हो गये। बाबा राम स्वरूप दास ने बताया कि उन्हें यह विष्वास नहीं था कि श्री राम मंदिर बन जाएगा। बाबा राम स्वरूपदास का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री 22 जनवरी को मंदिर का उद्घाटन करने जा रहे है, यह क्षण बहुत खुशी बात है, आमंत्रण नहीं मिला लेकिन 22 के बाद वह राम मंदिर का दर्शन करने जाएंगे। समूचा गोंडा उस दिन खुषी से झूम उठेगा।