मत्स्य पालन और संरक्षण की क्षमता विकास पर अनुसूचित जाति के किसानों के लिए एक अल्पकालिक तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण भाकृअनुप-एनबीएफजीआर लखनऊ के एक्वाकल्चर रिसर्च एंड ट्रेनिंग यूनिट चिनहट में मंगलवार को प्रारंभ हुआ।ये कार्यक्रम मंगलवार से गुरुवार तक होगा।
कार्यक्रम के दूसरे दिन बुधवार को प्रतिभागियों के साथ एक परस्पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें डा यूके सरकार निदेशक भाकृअनुप- राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएफजीआर) और पूर्व एडीजी अंतर्देशीय मत्स्य पालन भाकृअनुप नई दिल्ली डा० एस रायजादा ने विषय पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर एफएफपीओ, बाराबंकी के प्रतिनिधि दिवाकर सिंह सीईओ, एसआर गुप्ता और अफहाक खान उपस्थित थे।
डा० यूके सरकार ने प्रत्येक किसान के साथ बातचीत की। उन्होंने अपने उदबोधन में प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अपनी आजीविका के उत्थान के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि संस्थान तकनीकी सहायता सहित उनके लाभ के लिए कमजोर वर्ग के किसानों के साथ हमेशा खड़ा रहेगा। कार्यक्रम के संयोजक, प्रधान वैज्ञानिक डा० एसके सिंह द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के तीस अनुसूचित जाति के किसान भाग ले रहे हैं जो कि एफएफपीओ के सदस्य भी हैं।इस अवसर पर सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी संजय सिंह सहित यूनिट के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।