देश इस साल अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी का दिन हर भारतीय के लिए बेहद ही खास होता है। साल1947 में देश को ब्रिटिश राज से स्वतंत्रता तो मिल गई थी, लेकिन उसके पास अपना संविधान नहीं था और 26 जनवरी 1950 को भारत को अपना संविधान मिला था. 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था। साथ ही ये दिन भारतीय नागरिकों की लोकतांत्रिक रूप से अपनी सरकार चुनने की शक्ति को भी दर्शाता है।
2 साल 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुए भारत के संविधान को 26 नवंबर, 1949 में देश की संविधान सभा में स्वीकृति मिली थी जिसके बाद अगले साल 26 जनवरी,1950 को पूरे देश में यह संविधान लागू किया गया था। भारतीय संविधान के वास्तुकार डॉ.भीमराव अम्बेडकर प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। जिसके नाते उन्हें संविधान निर्माता होने का श्रेय दिया जाता है, लेकिन प्रेम बिहारी वो शख्स हैं जिन्होंने अपने हाथ से अंग्रेजी में संविधान की मूल कॉपी लिखी थी।
इस काम में उन्हें लगभग 6 महीने लगे थे। जिसके बाद देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ झंडा फहरा कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था। दरअसल, 15 अगस्त, 1947 के दिन जब भारत को आजादी मिली, तो उस समय प्रधानमंत्री ही देश के मुखिया थे। इसी वजह से आजादी मिलने पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले से ध्वजारोहण किया था।
लेकिन आजादी के बाद जब 26 जनवरी, 1950 में देश का संविधान लागू किया गया, तो राष्ट्रपति की शपथ ले चुके डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश के संवैधानिक प्रमुख थे। ऐसे में उन्होंने गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडा फहराया था। तब से लेकर आज तक यह परंपरा चली आ रही है कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। इसके साथ ही बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि ध्वजारोहण और झंडा फहराने में भी काफी अंतर है। दरअसल, 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर बांधा जाता है और वहीं से झंडा फहराया जाता है।
इसलिए गणतंत्र दिवस के दिन ध्वजारोहण नहीं, बल्कि इस दिन झंडा फहराया जाता है। लेकिन 15 अगस्त के दिन राष्ट्रीय ध्वज को ऊपर की तरफ खींचा जाता है और फिर फहराया जाता है। ऐसा इसलिए, किया जाता क्योंकि जब हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था, उस वक्त ब्रिटिश सरकार का झंडा उतारकर भारत का झंडा चढ़ाया गया था।
यही वजह है कि 15 अगस्त के दिन तिरंगा ऊपर की तरफ खींचने के बाद फहराया जाता है। ये पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन राजपथ दिल्ली से परेड शुरू होकर इंडिया गेट पर समाप्त होती है. जो इस समारोह का मुख्य आकर्षण बनता है। साथ ही इस दिन कल्चरल प्रोग्राम के साथ भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना भी भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत, परेड और एयरशो के जरिये प्रदर्शित करते हैं।