नई दिल्ली (ईएमएस)। यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने भारत से अनुरोध किया है कि वह युद्धग्रस्त देश में अपने छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के लिए वापस भेज दें। ताकि यूक्रेन की वित्तीय हालत में सुधार हो सके। बता दें कि साल 2022 में जब रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुई थी, तब बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट यूक्रेन में फंस गए थे। भारत से हर साल हजारों छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए जाते हैं। युद्ध शुरू हुए दो साल बीतने को हैं। अब फिर से यूक्रेन के पीएम डेनिस शिमहल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक गुहार लगाई है। पीएम मोदी को वैश्विक नेता” करार देते हुए उन्होंने भारत से अनुरोध किया कि वह युद्धग्रस्त देश में अपने छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के लिए वापस भेज दें। मीडिया को दिए इंटरव्यू में यूक्रेन के पीएम ने भारत को यूक्रेन के सबसे बड़े आर्थिक साझेदारों में से एक बताया और उन्हें मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी एक वैश्विक नेता हैं, जो विश्व शांति के लिए काम कर रहे हैं। यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा अब शांतिपूर्ण है और मैं भारत से अनुरोध करेंगे कि वह पहले की तरह छात्रों को भेजकर हमें आर्थिक मदद में अपनी ओर से सहयोग करे।
2022 में भारत ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत छात्रों सहित लगभग 18,000 भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकाला था। वहीं युद्ध में उलझे यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। अर्थव्यवस्था में आई 30 प्रतिशत की गिरावट बीते 30 वर्षों में सबसे बड़ी गिरावट है। भारत को 75वें गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए, यूक्रेनी के प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है वो काबिले तारीफ है। श्मीहाल ने यह भी कहा कि यूक्रेन यूरोपीय संघ और नाटो का हिस्सा बनने के लिए कुछ भी करेगा। उन्होंने अन्य देशों को युद्ध रोकने के लिए रूस पर दबाव डालने की बात भी कही।