सीतापुर। मंगलवार 6 जून को विकास भवन में उस वक्त हड़कंप मच गया जब अचानक भूकंप आने पर बचाव के लिए एनडीआरएफ के जवान जा पहुंचे और लोगों को बचाने लगे। लोगों को बाद में पता चला कि यह आपदा के दौरान लोगों को किस तरह से बचाया जाता है का मॉक ड्रिल है।
एनडीआरएफ टीम एवं जिला प्रशासन कि टीमों ने संयुक्त मॉक अभ्यास किया। जिसमे भूकंप से गिरे विकास भवन में फँसे कई व्यक्तियों को रेस्क्यू के द्वारा निकाला गया। मॉक अभ्यास के प्रथम चरण में एन०डी०आर०एफ० अधिकारियों व जिला प्रशासन के अधिकारियोंए फायर विभागए जिला पुलिसए स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य सम्बंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा बैठक कर मॉक अभ्यास की सम्पूर्ण रूप रेखा तैयार की गयी तथा द्वितीय चरण में मॉक अभ्यास किया गया। अभ्यास के दौरान भूकंप से एक विकास भवन की बिल्डिंग के गिरने तथा आग लग जाने का दृश्य रखा गया
जिसमे कई लोगों के फंसे होने की सूचना थी। प्रशासन ने सूचना देकर सर्च एवं रेस्क्यू के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम और फायर ब्रिगेड को एवं अन्य एजेंसियों को बुलाया गया। इसमें गिरे हुए भवन के भीतर पहुंच बनाने तथा लोगों को निकालने के लिए दीवार एवं छत को काटा गया। फिर मेडिकल टीम ने घायलों को स्थिरता प्रदान करते हुए बाहर निकाला। इसी दौरान कुछ व्यक्ति बिल्डिंग की ऊपर वाली मंजिल पर फंस गए जिनको एनडीआरएफ ने रोप रेस्क्यू के माध्यम से सुरक्षित नीचे उतारा। सभी एजेंसियों ने आपसी तालमेल एवं समन्वय से राहत एवं बचाव कार्य को पूरा किया।
यह अभ्यास अपर जिलाधिकारी नीतीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में तथा 11 एन०डी०आर०एफ० के उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के दिशा निर्देशन में संचालित किया गया। इसमें 11 एन०डी०आर०एफ० के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ के प्रभारी अनिल कुमार पालए उप कमांडेंट उपस्थित रहे। एनडीआरएफ टीम के साथ अग्निशमन विभागए पुलिस एवं स्वास्थ्य विभागए राजस्व विभागए जिला प्रशासन की टीमो द्वारा मॉक का संयुक्त अभ्यास किया गया
जिसका मुख्य उद्देश्य घायल व चोटिल व्यक्तियों के अमूल्य जीवन की रक्षा करनाए सभी रेस्पोंस एजेंसियों का रेस्पोंस चेक करना व सभी स्टेक होल्डरस के बीच आपसी समन्वय स्थापित करना है। इस मॉक अभ्यास में 11 एन०डी०आर०एफ० के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ से आयी एनडीआरएफ की 25 सदस्यीय टीम का नेतृत्व निरीक्षक राम सिंह एवं निरीक्षक अजय सिंह ने किया। इस अभ्यास के दौरान जिला प्रशासन के तमाम अधिकारीगण एवं विभिन्न विभागों के तमाम कार्मिक भी उपस्थित रहे। इस अभ्यास के संचालन में आपदा विशेषज्ञ हीरालाल का महत्वपूर्ण योगदान रहा।