पीलीभीत। ग्राम पंडरी में 12 दिन से आसपास खेतों में बाघ डेरा जमाए हुए है। बाघ की चहलकदमी से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। किसान अपने खेतों पर जाने से डरे हुए हैं।
न्यूरिया क्षेत्र में रात से ही बाघ बलवीर सिंह के खेत में बैठा हुआ देखा गया है। पंडरी निवासी दो दिन पूर्व कक्षा 9 के छात्र गांव के पड़ोसी खेत में सौंच करने गया था। पंकज कुमार पुत्र छोटे लाल को बाघ ने मौत के घाट उतार दिया। अगले ही दिन बाघ ने सांड को अपना निवाला बना लिया। विगत रात फिर बाघ को बलवीर सिंह के खेत में बैठा हुआ देखा गया। पंडरी गांव में अभिषेक और रिंकू खेत देखने गये तो बाल बाल बच गये जिससे डर कर गांव की तरफ भाग पड़े। उसके बाद भीड़ उमड़ गई। जब ग्रामीणों ने बाघ को पकड़वाने के लिए वन विभाग के आला अधिकारियों
और सामाजिक वानिकी के रेंजर पीयूष मोहन श्रीवास्तव को फोन किया। पूरे दिन ग्रामीण टाइगर रिजर्व और सामाजिक वानिकी की टीम का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई भी अधिकारी कर्मचारी बाघ को पकड़ने के लिए मौके पर नही आये। टीम के ना पहुँचने से ग्रामीणों में आक्रोश फैला हुआ था। टाइगर रिजर्व की टीम की बड़ी लापरवाही को देखते हुए ग्रामीणों ने कहा कि बाघ बिल्कुल गांव से सटे हुए आम के बाग के पीछे बैठा देखा गया। बाघ को पकड़ने के लिए पंडरी गांव में पिंजरा लगाया है और डिप्टी रेंजर शेर सिंह, सुरेश कुमार वर्मा पंडरी गांव में निगरानी कर रहे हैं। गांव हरकिशनापुर के ग्रामीण भी बाघ को लेकर दहशत में हैं। ग्राम पंडरी से महोफ जंगल तीन किलोमीटर दूर है। घटनास्थल पर वन विभाग के आला अधिकारियों ने भी पहुंच कर स्थिती का जायजा लिया है। उधर, न्यूरिया थाना प्रभारी प्रदीप कुमार विश्नोई ने भी अपनी एक टीम मदद के लिए लगा रखी है।