-हेल्पलाइन का मकसद भ्रामक कंटेंट पर लगाम कसना
नई दिल्ली (ईएमएस)। सोशल मीडिया प्लेटफार्म व्हाट्सएप पर मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस (एमसीए) और मेटा (मेटा) ने फैक्ट चेक हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इसका मकसद डीपफेक और एआई तकनीकों का प्रयोग करके बनाए गए भ्रामक कंटेंट पर लगाम लगाना है। यह सर्विस यूजर्स को एक समर्पित व्हाट्सएप चैटबॉट पर भेजकर डीपफेक की पहचान करने की अनुमति देगी। यह सर्विस मार्च, 2024 में जनता के लिए उपलब्ध होगी। मेटा ने कहा, चैटबॉट अंग्रेजी के अलावा हिंदी, तमिल और तेलुगु सहित तीन क्षेत्रीय भाषाओं में काम करेगा। डीपफेक पर नकेल कसने का संकल्प ऐसे समय में आया है जब दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र आम चुनाव की तैयारी कर रहा है। इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं।
एक बयान के अनुसार, ‘एमसीए और मेटा एआई का इस्तेमाल करके बनाए गए कंटेंट से निपटने के प्रयास के तहत व्हाट्सएप पर फैक्ट-चेक हेल्पलाइन शुरू करने पर काम कर रहे हैं।मेटा में पब्लिक पॉलिसी इंडिया के निदेशक, शिवनाथ ठुकराल ने कहा, “हम एआई से उत्पन्न गलत सूचना की चिंताओं को पहचानते हैं और मानते हैं कि इससे निपटने के लिए पूरे उद्योग में ठोस तथा सहकारी उपायों की आवश्यकता है।” मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट अलायंस के अध्यक्ष भरत गुप्ता ने कहा कि ‘डीपफेक विश्लेषण इकाई’ (डीएयू) भारत में सोशल मीडिया तथा इंटरनेट यूजर्स के बीच एआई से उत्पन्न गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
एआई के इस्तेमाल से बना कंटेंट सार्वजनिक हित के मामलों में लोगों को धोखा दे सकती है। ऐसे कंटेंट को आमतौर पर डीपफेक कहा जाता है। इस सेवा का मकसद लोगों को वेरिफाइड और विश्वसनीय जानकारी से जुड़ने में सहायता करना है।’’एमसीए व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाले सभी ‘इनबाउंड’ संदेशों को प्रबंधित करने के लिए एक ‘डीपफेक विश्लेषण इकाई’ स्थापित करेगा।