कैबिनेट: उज्जवला योजना के तहत सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी एक साल ओर जारी रहेगी

नई दिल्ली (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 2024-25 के लिए पीएम उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं को सिलेंडर पर मिलने वाली 300 रुपये की सब्सिडी जारी रखने को मंजूरी दी है। साल में 12 सिलेंडर तक 10.27 करोड़ पीएमयूवाई लाभार्थियों को सीधे उनके खातों में सब्सिडी मिलेगी। 2024-25 के लिए कुल खर्च 12,000 करोड़ रुपये होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने योजना को एक साल आगे जारी रखने को मंजूरी प्रदान की।

मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि महिला दिवस पर मोदी सरकार की देश की महिलाओं को यह उपहार है।

कैबिनेट : सरकार ने 2024-25 के लिए कच्चे जूट का एमएसपी 285 रुपये बढ़ाया

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 285 रुपये बढ़ाकर 5,335 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस संबंध में निर्णय किया। बैठक के बाद मंत्रिमंडल के केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 सीजन के लिए कच्चे जूट के लिए एमएसपी 5,335 रुपये प्रति क्विंटल को मंजूरी दे दी है। यह पिछले सीजन की तुलना में 285 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। इससे उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत पर 64.8 प्रतिशत का रिटर्न सुनिश्चित होगा।

कैबिनेट: राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक एआई मिशन को मंजूरी

नई दिल्ली । केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक एआई मिशन लेकर आई है। इस पर 10371.92 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे। इसके तहत रणनीतिक कार्यक्रम और सार्वजनिक निजी भागीदारी का इस्तेमाल कर एआई क्षेत्र से जुड़े नावाचार के पूरे तंत्र को बढ़ने के लिए मदद पहुंचाना है। इसे डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के एक स्वतंत्र बिजनेस निकाय ‘इंडिया एआई’ के माध्यम से जमीन पर उतारा जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज इसे मंजूरी प्रदान की। मिशन की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इसके माध्यम से उच्च क्षमता वाले एआई कंप्यूटर तंत्र को विकसित किया जाएगा। स्वदेशी एआई मॉडल को बढ़ावा दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि एआई विकास के लिए गैर-व्यक्तिगत गुणवत्तापूर्ण डाटा उपयोग के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। महत्वपूर्ण क्षेत्रों, सरकारी कामकाज, केन्द्र और राज्यों के मंत्रालय में एआई के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। भविष्य के लिए एआई की राह आसान बनाई जाएगी और स्नातक तथा स्नातकोत्तर व पीएचडी कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

गोयल ने कहा कि एआई क्षेत्र में स्वदेशी स्टार्टअप को वित्तीय सहयोग प्रदान किया जाएगा। सुरक्षित एआई के लिए फ्रेमवर्क, गाइलाइन व अन्य जरूरी दिशानिर्देश तैयार कराये जायेंगे।

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