फतेहपुर । जिला आबकारी अधिकारी सुरेश कुशवाहा को शराब लाइसेंस धारकों से रिश्वत लेने के मामले में प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर जिलाधिकारी ने निलंबित कर दिया है। एक शिकायतकर्ता शिवलोचन ने रजिस्ट्री के माध्यम से वीडियो साक्ष्य सहित डीएम को शिकायती पत्र भेजा था जिसमें शराब के लाइसेंस धारकों से आबकारी अधिकारी द्वारा अवैध धन उगाही का आरोप लगाया गया था। जिलाधिकारी सी.इंदुमती ने प्राप्त साक्ष्यों की जांच के आधार व शासन के निर्देश पर सुरेश कुशवाहा को तत्काल निलंबित कर विभागीय कार्यवाही की है।
उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टालरेन्स नीति के तहत डीएम के निर्देश पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत सदर कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। अपर जिलाधिकारी अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि 24 फरवरी 2024 को रजिस्टर्ड पत्र के माध्यम से एक शिकायतकर्ता शिवलोचन द्वारा शिकायत भेजी गई थी जिसमें एक पेन भी ड्राइव संलग्न थी। उसके माध्यम से तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी सुरेश कुशवाहा के विरुद्ध भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये गए थे।
आरोप में उनके द्वारा शराब लाइसेंस धारकों से रिश्वत लिया जा रहा है जिससे सरकार की छवि खराब हो रही है। संलग्न पेनड्राइव के वीडियो फुटेज का अवलोकन किया गया और जिलाधिकारी के निर्देशन व आदेशों के क्रम में पूरी पड़ताल के बाद यह साक्ष्य पत्र के माध्यम से आबकारी आयुक्त व प्रमुख सचिव आबकारी को अवगत कराते हुए जिलाधिकारी फ़तेहपुर के माध्यम से निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाई की गई है। साथ ही नायब तहसीलदार सदर द्वारा प्राप्त प्रार्थना पत्र व साक्ष्य के आधार पर सदर कोतवाली में तहरीर देकर एफआईआर दर्ज कराकर आगे की कार्यवाई की जाएगी।