सीतापुर: सकरन क्षेत्र की ग्राम पंचायत पखनियापुर में मनरेगा कार्यों के नाम पर बड़े पैमाने पर सरकारी धन का बंदरबांट लंबे समय से किया जा रहा है। यहां मनरेगा में बिना काम कराए लाखों का भुगतान होने के कारण रोजगार की गारंटी देने वाली देश की सबसे बड़ी रोजगार की योजना मनरेगा दम तोड़ रही है।
पखनियापुर में पिपनहिया तालाब जीणोद्धार कार्य पर जारी मस्टर रोल में 53 महिला पुरुष श्रमिकों को काम पर लगातार दिखाया जा रहा है। जबकि यहां काम के दौरान मनरेगा साइड में अपलोड किए जाने वाले फोटोज में पांच लोगों को ही लगातार दिखाया जाता है। काम पर दिखाए जा रहे इन लोगों के हाथ में तालाब खुदाई के लिए जरूरी डलिया फावड़ा तक नहीं होता है। बड़ी संख्या में महिलाओं को जहां काम पर दिखाया तो गया है लेकिन मनरेगा साइट पर अपलोड किए जाने वाले फोटोज में एक भी महिला काम पर नहीं दिखती है। 45 से 50 डिग्री की चिलचिलाती धूप में जहां लोग थोड़ी देर के लिए बाहर नहीं रह पाते हैं वहीं पखनियापुर में आधा सैकड़ा से अधिक मजदूर लगातार काम पर दिखाकर मनरेगा धन का बंदरबांट किया जा रहा है। तालाब में पिछले एक सप्ताह के दौरान बिना काम के 72522 रुपये की धनराशि निकाली जा चुकी है।
पखनियापुर में मनरेगा में बड़े पैमाने पर हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर जब रोजगार सेवक उत्तम कुमार से फर्जी एमएमएस को लेकर बात की गई तो वह कोई समुचित जवाब नहीं दे पाए। वहीं महिला श्रमिकों को काम पर दिखाए जाने को लेकर उनका कहना था कि 33 प्रतिशत महिलाओं को काम पर दिखाना जरूरी है। तकनीकी सहायक सचिन राजवंशी का जवाब मिला कि रोजगार सेवक के द्वारा दिए गए मस्टर रोल के आधार पर उन्होंने भुगतान के लिए एमबी कर दी है। आगे से अब काम देखकर ही एमबी करेंगे। वहीं पंचायत सचिव शैलेंद्र दीक्षित ने बताया की कार्य का निरीक्षण करके जिम्मेदारों को नोटिस दी जाएगी।
एपीओ सकरन रवि सिंह ने बताया कि मनरेगा कार्यों में नियमानुसार कार्य न करने वाले कर्मियों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। जवाब मिलने पर दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी।
इस बारे में जब डीसी मनरेगा जितेंद्र मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच के कार्रवाई की जाएगी