गजरौला , पीलीभीत। मानसून में हो रही तेरी को लेकर ग्राम पंचायत में हालात खराब हो रहे हैं। लाखों करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गए नवनिर्मित अमृत सरोवर सूख चुके हैं और पशु पक्षियों के लिए एक-एक बूंद पानी मिलना भी मुश्किल हो गया है।
निरंतर आग उगल रहे सूर्य देव के प्रकोप से चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। लाखों रुपए खर्च कर शासन की प्राथमिकता में शामिल अमृत सरोवर का निर्माण प्रत्येक ग्राम पंचायत में कराया गया है। अमृत सरोवर के सौंदर्यीकरण के नाम पर पानी की तरह पैसा बहाया गया। खेतों में घूम रहे आवारा गौवंश व पशु पक्षियों को अमृत सरोवर से अपनी प्यास बुझा सकें। लेकिन गर्मी का कहर शुरू होते ही अमृत सरोवर जलाशय से जल ही गायब हो है। ऐसे में गांव के बाहर विचरण करने वाले जीव जंतुओं और आवारा गौवंश के सामने भयंकर पेयजल संकट पैदा हो गया है।
अमृत सरोवर का निर्माण और सौंदर्यीकरण कराया गया था तो प्रधानों को अमृत सरोवर में समय समय पर जलापूर्ति करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन जिम्मेदार प्रधानों ने अमृत सरोवर के सौंदर्यीकरण और निर्माण के बाद जलापूर्ति को भूल गए हैं। यही कारण है कि अधिकांश अमृत सरोवर सूखे पड़े हुए हैं।ग्राम पंचायत ढेरम मंडरिया प्रधान उत्तम दलाल द्वारा लाखों रुपए खर्च कर एक अमृत सरोवर का निर्माण 2022/23 और सौंदर्यीकरण कराया गया है। लेकिन इस समय यह अमृत सरोवर इस समय सूखा पड़ा हुआ है। जिससे यहां पर विचरण करने वाले पशु पक्षियों और आवारा गौवंश के लिए पेयजल का गंभीर संकट बना हुआ है।
इंसेट बयान – उत्तम दयाल ग्राम प्रधान डेरम मंडारिया।
अमृत सरोवर में पानी डालने के लिए सरकार पैसा नही देती हैं, बारिश होगी तब खुद पानी भर जाएगा।
निर्माण का पैसा एक साल होने के बाद भी नहीं मिला है।