कुवैत में आग लगने की घटना में मारे गए 45 भारतीयों के शव शुक्रवार को वायुसेना के एक विशेष विमान भारत लाए गए । विमान आज दोपहर कोच्चि पहुंचा, जहां केरल के मुख्यमंत्री पिन्नराई विजयन, विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह, केन्द्रीय मंत्री सुरेश गोपी और अन्य मंत्रियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मृतकों में केरल से 23, तमिलनाडु से 7, आंध्र प्रदेश से 3, उत्तर प्रदेश से 3, ओडिशा से 2 और बिहार, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड और हरियाणा से एक-एक हैं।
भारतीय दूतावास के अनुसार कुवैत के मंगफ़ शहर में बुधवार को एक छह मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई थी, जहां भारतीय कामगारों का रिहायशी शिविर था। इसमें कम से कम 48 लोगों की मौत हुई। इमारत में रह रहे 176 भारतीय श्रमिकों में से 45 की मृत्यु हो गई और 33 अस्पताल में भर्ती हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह समन्वय के लिए कुवैत गए थे। उन्होंने वहां प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात के अलावा पांच अस्पतालों का दौरा भी किया, जहां 33 भारतीय उपचाराधीन हैं। मंत्री ने उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कुवैत जाने की अनुमति नहीं मिलने को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने कुवैत में हुई दुखद आग दुर्घटना में प्रभावित राज्य के लोगों की सहायता के लिए उन्हें खाड़ी देश की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आग की घटना में मारे गए मृतकों में आधे से ज्यादा केरल से थे। विभिन्न अस्पतालों में भर्ती ज्यादातर घायल लोग भी केरल से हैं। ऐसे में उन्हें विदेश मंत्रालय की ओर से कुवैत की यात्रा की अनुमति नहीं देना दुर्भाग्यपू्र्ण है।
उल्लेखनीय है कि केरल सरकार ने गुरुवार को एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक कर वीना जॉर्ज और राज्य मिशन निदेशक (एनएचएम) जीवन बाबू को समन्वय के लिए तत्काल कुवैत जाने की घोषणा की थी।