अमेरिका में उठा ईवीएम पर सवाल…..भारत में दिखाई दिया सियासी…

नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भी ईवीएम का विवाद नहीं थमा। ईवीएम को लेकर फिर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। खुद चुनाव आयोग ने आकर सफाई दी। अब सवाल उठता है कि आखिर चुनाव के बाद ईवीएम पर बवाल क्यों? इसका जवाब है कि भारत में ईवीएम पर लगी सियासी आग का धुआं करीब 7 हजार किलोमीटर दूर से उठा है। जी हां, अमेरिका में चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल पर उठ रहे सवाल के बीच भारत में यह बवाल हो रहा है।

दरअसल, प्यूर्टो रिको में ईवीएम में मिसमैच की घटना सामने आई है। ईवीएम और पेपर ट्रेल की गिनती में अनियमितता मिली। पेपर ट्रेल रहने की वजह से ही यह गड़बड़ी सामने आई। पेपर ट्रेल के जरिए ही गलती की पहचान कर सुधारा गया। भारत में ईवीएम की आग तब भड़की जब एलन मस्क ने ईवीएम के खिलाफ पोस्ट किया। दरअसल, मस्क ने यह पोस्ट अमेरिकी राष्ट्रपति पद के इंडिपेंडेंट उम्मीदवार रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर की पोस्ट को रीपोस्ट करके कही। ईवीएम पर मस्क के पोस्ट के बाद भारत में सियासी संग्राम शुरू हो गया। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मस्क की खिंचाई कर कहा कि उन्हें भारत आकर कुछ सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की ईवीएम में कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ, वाई-फाई, इंटरनेट नहीं, कोई रास्ता नहीं है। हालांकि, राहुल गांधी भी विवाद से पीछे नहीं हटे। उन्होंने भी ईवीएम पर संदेह जताकर फिर सवाल खड़े किए। उन्होंने मस्क के पोस्ट को शेयर कर लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स है और किसी को भी इसकी जांच की अनुमति नहीं है।

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