केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) और अंडर ग्रेजुएट (यूजी) पेपर लीक केस में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना के तीन मेडिकल छात्रों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। उनके मोबाइल फोन और लैपटॉप संघीय एजेंसी ने जब्त कर लिए हैं। वर्ष 2021 बैच के इन छात्रों को बुधवार रात उनके छात्रावास से हिरासत में लिया गया। इसके बाद 14 घंटे तक अज्ञात स्थान पर पूछताछ की गई। संबंधित छात्रों के कमरों को सील कर दिया गया है।
इससे पहले मंगलवार को पटना और हजारीबाग (झारखंड) से दो प्रमुख आरोपितों पंकज कुमार उर्फ आदित्य और राजू सिंह को पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया था। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एम्स के छात्रों ने हजारीबाग से प्राप्त प्रश्नों को हल करने में नालंदा के संजीव कुमार सिंह उर्फ लूटन मुखिया के नेतृत्व वाले ‘सॉल्वर गैंग’ के सदस्यों की मदद की थी। झारखंड के बोकारो निवासी पंकज कुमार को 5 मई को आयोजित परीक्षा से पहले हजारीबाग में एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के ट्रंक से प्रश्नपत्र चुराने के आरोप में पटना में गिरफ्तार किया गया था। पंकज उर्फ आदित्य नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी), जमशेदपुर से 2017 बैच का सिविल इंजीनियर है।
दूसरे आरोपित राजू सिंह को कटकमदाग थाना अंतर्गत हजारीबाग के रामनगर इलाके में स्थित एक गेस्ट हाउस से गिरफ्तार किया गया। उस पर प्रश्नपत्र लीक करने में पंकज की मदद करने का आरोप है। राजू सिंह पेपर लीक केस में झारखंड के हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया चौथा व्यक्ति है। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह गुरुवार को सीबीआई ने बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले मुख्य आरोपितों में से एक राकेश रंजन उर्फ रॉकी को गिरफ्तार किया था। रॉकी पर गिरोह के लिए पटना और रांची से सॉल्वर की व्यवस्था करने का आरोप है। वह संजीव कुमार सिंह उर्फ लूटन मुखिया उर्फ संजीव मुखिया के नेतृत्व वाले गिरोह के सरगना का भरोसेमंद सदस्य बताया जाता है।
रॉकी की गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने उसके नालंदा स्थित आवास पर छापा मारा था, लेकिन वह नहीं मिला। पिछले सप्ताह शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट ने 13 आरोपितों को हिरासत में लेने की अनुमति दी थी, जिन्हें मामला केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपे जाने से पहले पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अब तक सीबीआई ने पेपर लीक मामले में सात राज्यों से 42 लोगों को गिरफ्तार किया है।