पीलीभीत। ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के उपचुनाव में मतदाताओं में खून उत्साह देखने को मिला। मतदाताओं ने सुबह से लाइन में मतदान किया। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस फ़ोर्स तैनात रहा है।
मंगवार को सुबह से शुरु होकर शाम पाँच बजे तक मतदान किया गया। इसके बाद पोलिंग पार्टियां मतदान पेटियों को सील कर मतदात केंद्र से रवाना हुई। चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद अब हार जीत के आंकड़े लगाएं जा रहे है। वहीं चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे है।शेरपुर प्रधानी उपचुनाव के अलावा दो गांव में रिक्त बीडीसी पद पर वोटर उत्साह के साथ में मतदान कर रहे हैं। एक दिन पहले 26 पोलिंग पार्टियों को रवाना किया गई थी।
इसमें पांच पार्टियों को रिजर्व रखा गया है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है। गांव में जीत हार के अटकले शुरु हो गए हैं। प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ी हुई हैं। शेरपुर की पूर्व प्रधान ने अपने पति हाजी रियाजनूर के साथ पोलिंग बूथ पर पहुंचकर उत्साह के साथ मतदान किया। पूरनपुर ब्लाक क्षेत्र के शेरपुर में ग्राम प्रधान पद पर पांच, क्षेत्र पंचायत भाग संख्या 190 महुआगुंदे में 5 व 202 मढ़ा खुर्द कला चार और ग्राम पंचायत में 17 पद पर 8 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे।
जांच पड़ताल के दौरान शेरपुर की रुखसार के दस्तावेजों में खामियां होने पर नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया था। प्रधानी चुनाव में जाने आलम खां, सबीना बी, सीमा खातून और सीमा बेगम चुनाव मैदान में हैं। दो बीडीसी पदों मढ़ा खुर्द कला में अरविंद कुमार के पर्चा वापस लेने पर रामकृष्ण, रामविलन व विश्वनाथ चुनाव मैदान में हैं। महुआगुंदे की विद्यापति, शिवानी शुक्ला और माया देवी के नामांकन पत्र वापस लेने पर अंशुमान दीक्षित व नीतू के बीच चुनाव सम्पन हुआ।
पंचायत के 17 पंचायत सदस्य पदों पर आठ पदो में पजाबा की लज्जावती, लोहरपुरा के शिवराज सिंह, खीरी नौबरामद के दयासिंह, सुल्तानपुर के मुकेश कुमार, सबलपुर की ममता देवी, पूरनपुर देहात की मुन्नी देवी इटौरिया के बलराम, सबलपुर के निरंजन निर्विरोध निर्वाचित हुए थे।
ग्राम पंचायत शेरपुर में प्रधानी और महुआ गुंदे व मढ़ाकला में बीडीसी चुनाव को लेकर सुबह से ही मतदान को लेकर वोटरों की लाइन लग गई। ग्रामीणों ने लाइन में लगकर अपने मतदाता प्रयोग किया। हालांकि मतदान समाप्त होने के बाद से ही प्रत्याशी वोटों की गणित बैठाने और जीत की संभावनाएं भी तलाशते रहे।