सीतापुर- जनपद की अस्थाई गौशालाओं में संरक्षित बेसहारा गौवंशों को हरा चारा, भूसा,नमक और पोषाहार देने के लिए प्रति गोवंश 50 रुपये प्रतिदिन की दर से मिलने वाला पैसा मई माह से अब तक न मिल पाने के कारण गौशालाओं में संरक्षित गौवंशों का पेट भरने के लिए गौशाला संचालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गौशाला में संरक्षित गौवंशों के चारा पानी की समस्या को लेकर जब जनपद की मुख्य विकास अधिकारी निधि बंसल से बात की गई तो उनका कहना था कि गौशालाओं का भुगतान समय पर क्यों नही हो पाया इसे दिखवाया जाएगा। अति शीघ्र गौशालाओं का बकाया संपूर्ण भुगतान कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गौशालाओं में गौवंशों के आश्रय और चारा पानी में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गौशालाओं में शासन द्वारा निर्धारित सभी मानकों को पूरा कराया जाएगा। जिन गौशालाओं में वर्षा जल की निकासी के उचित उपाय नहीं किये गए हैं वहां जिम्मदारों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने बताया बजट की कमी के चलते गौशालाओं को नहीं मिल पाया पैसा-* मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह का कहना है कि बजट की कमी के चलते हैं गौशालाओं को मई,जून और जुलाई माह का पैसा नहीं मिल पाया है। शासन द्वारा धन उपलब्ध हो रहा है। एक सप्ताह के भीतर सभी गौशालाओं का बकाया भुगतान करा दिया जाएगा।