जरवल/बहराइच। क्या नगर पंचायत जरवल मे बीते छः महीने मे यहां कितने आउट सोर्सिंग(ठेका कर्मचारी)नियुक्ति हुए आपको पता भी है ? क्या आप जानते है कि कौन ठेका कर्मचारी की नियुक्ति किस पद पर हुई है क्या उनका मोबाइल नम्बर आपके पास है ? क्या जरवल के निकाय प्रशासन ने कभी आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की कार्यालय के नोटिस बोर्ड मे नोटिस चस्पा की जिससे उक्त कर्मचारियों से यहां की आवाम जरूरत पड़ने पर मिल भी सके ? जिसका एक ही जवाब”नही”।
अब इसके पीछे यहां ई ओ खुशबू यादव व चेयरमैन तस्लीम बानो इस राज को क्यों सार्जनिक नही कर रही की पड़ताल जब “दैनिक भास्कर” ने की तो साफ जाहिर हो गया कि दिखावा मे चेहरा तो आउट सोर्सिंग कर्मचारियों का दिखता है जिसकी आंड मे अपनी ठसक यहां की ई ओ सुश्री यादव व चेयर मैन श्रीमती बानो जरूर पूरी कर रही है।जब की पहले से यहां के रिटायर्ड कर्मचारियों का तकरीबन ढाई करोड़ रूपए बाकी है। ठेकेदारों को भी उनके द्वारा करवाए गएं निर्माण का उधारी अलग से। जैसा की इसी निकाय के ही सूत्र बता रहे है।
क्या है आउट सोर्सिंग कर्मचारियों का खेल ?
जरवल। निकाय सूत्रों की माने तो शासन से जो भी धन राज्य वित्त का मिलता है वो धन केवल कर्मचारियों के वेतन,सेवानिवृत्ति आदि के लिए होता है लेकिन शासन से राज्य वित्त के धन को अन्य मद मे खर्च कर यहां के जिम्मेदार अधिकारी अपनी ठसक पूरी कर रहे हैं। निकाय के सूत्रों की माने तो इस निकाय मे लगभग छः महीने पहले इस निकाय मे तकरीबन 65 आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की तैनाती थी जिससे निकाय का काम चल जाता था। साथ ही कुछ कर्मचारियों को यहां के जिम्मेदार अधिकारी अपनी ठसक भी पूरी करते थे इसके बावजूद भी ठेका कर्मचारियों की लम्बी फौज बढ़ा लेना जिम्मेदारो के गले मे फांस बन सकती है ?
ई ओ बोली क्या करोगे सूचना ले कर ?
जरवल। ई ओ खुशबू यादव से फोन पर हुई बात मे दैनिक भास्कर से यह बताया गया हम थोड़ी देर मे या आपके पास मैसेज करूगी लेकिन न तो उन्होंने दोबारा फोन ही आया न ही कोई मैसेज। जब की अनेको बार इस निकाय के ठेका कर्मचारियों के बारे मे ई ओ से मौखिक सूचना मांगी तो एक ही रटा रटाया जवाब मिला क्या करोगे सूचना ले के।