मिहींपुरवा/बहराइच। विकासखंड मिहींपुरवा अंतर्गत समुदायिक स्वस्थ्य केंद्र से लगभग 55 कि. मी दूरी पर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुजौली मे डॉक्टर अनुपस्थित रहते है। सरकार के लाखों प्रयासों के बावजूद भी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का दम निकल रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अक्सर डॉक्टर नदारद रहते हैं। इस वजह से मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।
ग्राम पंचयात सुजौली मे स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ सो पीस बना हुआ है। अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं, तो डॉक्टर भी मनमानी पर उतारा है। अक्सर डॉक्टर अपने केबिन से नदारद रहते हैं। बृहस्पतिवार को भी डॉक्टर आशीष कुमार गुप्ता अनुपस्थित मिले। ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर अपने केबिन में कभी – कभी ही पहुंचते हैं।
जिसके चलते मरीजों को अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। मरीज पूरे दिन डॉक्टर का इंतजार करते रहते हैं, लेकिन जब खड़े होने की हिम्मत नहीं होती, तो मायूस होकर अस्पताल से लौट जाते हैं। और मजबूर होकर मरीजों को झोलाछाप डाक्टरों का सहरा लेना पड़ता है। जिसका फायदा उठाकर प्राइवेट मेडिकल वाले दवाइयों के आन – तान वसूलते है। पिछले दिनों जिले की तेज तर्रार साफ सुथरी छवि वाली डी.एम बहराइच मोनिका रानी ने सुजौली प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया था जिसमे डॉक्टर नदारद मिले थे। डी.एम ने डॉक्टरों को सख्त चेतावनी दी थी। इसके बावजूद भी डॉक्टरों की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ है।
वहीं ग्रामीणों ने यह भी बताया है कि यह सुजौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे लगभग नौ ग्राम पंचायतों के ग्रामीण इलाज के लिए आते है जिनमे से कई ग्राम पंचायत बाढ़ ग्रस्त है बाढ़ के पानी से विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैलने का खतरा भी रहता है जिसके लिए ग्रामीण इलाज के लिए आते हैँ।
इस बाढ़ जैसी मुसीबत के बाद भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुजौली मे डॉक्टर अनुपस्थित ही रहते हैँ। सम्बन्धित अधिकारियों से पूछे जाने पर अश्वासन दे दिया जाता हैं। कि कल से डॉक्टर आएंगे लेकिन फिर भी डॉक्टर साहब का वही रवैया रहता है। आखिर क्या कारण है और किसकी सय पे डॉक्टर को जरा भी प्रशासन का भय नही है।