पहले ग्राम पंचायत, फिर क्षेत्र पंचायत ने निकाली लाखों की धनराशि
एक वर्ष के अंदर दो बार भुगतान बना चर्चा का विषय, जिम्मेदार बोले जांच कर होगी सख्त कार्यवाही
कदौरा ब्लॉक के इमिलिया बुजुर्ग का मामला
कदौरा। विकास खंड कदौरा की ग्राम पंचायत इमिलिया बुजुर्ग में मनरेगा योजना में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया हैं। यहां पर पहले ग्राम पंचायत ने जलरोक बांध (चकरोड) के नाम पर चार लाख रुपये की धनराशि निकाल ली, उसके बाद क्षेत्र पंचायत ने इसी जलरोक बांध का नाम बदल कर फर्जी तरह से एमबी बनवा कर बिना कार्य कराए,दो लाख रूपये से अधिक का भुगतान करा लिया। फर्जी भुगतान की चर्चा में होने पर हड़कंप मच गया और ग्राम पंचायत और ब्लॉक के जिम्मेदार मामले को दबाने में जुटे है। वही अधिकारी कार्यवाही की बात कह रहे है। ग्राम पंचायत इमिलिया बुजुर्ग में कल्लू के खेत से फूलसिंह के खेत तक जलरोक बांध (चकरोड) का मनरेगा से काम कराया गया था। ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने 5 जुलाई 2023 से 20 जुलाई 2023 व 20 अगस्त से 9 सितंबर 2023 तक तीन लाख 93 हजार 760 रुपये का भुगतान निकाल लिया था। उसके बाद क्षेत्र पंचायत ने ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए कार्य का नाम बदलकर (चंद्रभान के मकान से कब्रिस्तान तक) 14 जून 2024 से 27 जून 2024 तक फर्जी कार्य को दिखा कर उसकी एमबी बनवा ली और दो लाख 27 हजार का भुगतान कर लिया। फर्जी भुगतान की भनक जब ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने इसकी शिकायत जिले के अधिकारियों से कर सोशल मीडिया पर जमकर जिम्मेदारों की कार्यशैली पर भड़ास निकाली। उपायुक्त (श्रम-रोजगार) रामेंद्र सिंह कुशवाह ने कहा कि इस तरह का मामला है तो कार्यवाही होगी।
उकासा गांव में भी पकड़ा गया था फर्जीवाड़ा
विकास खंड कदौरा के ग्राम पंचायत उकासा में विधायक निधि से एक सीसी रोड का निर्माण वित्तीय वर्ष 2023 – 24 में 20 लाख रूपये की लागत से कराया गया था। ब्लॉक के जिम्मेदारों ने उसी सीसी सड़क को क्षेत्र पंचायत की कार्य योजना में शामिल कर मनरेगा योजना से वर्क आईडी जनरेट की और प्रोग्रेस दिखाते हुए लेबर के नाम पर मजदूरी का भुगतान कर दिया। इसी भनक जब कालपी विधायक को लगी तो उन्होंने डीएम से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की थी। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच उपायुक्त (श्रम – रोजगार) रामेंद्र सिंह कुशवाह को दी। उपायुक्त (श्रम – रोजगार) ने जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंपी थी। अभी तक क्या कार्यवाही हुई इस बारे में अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।