बेहटा-सीतापुर। प्राइवेट अस्पतालों का प्रचार प्रसार केंद्र तंबौर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना हुआ है जबकि जिम्मेदार जानकर भी अंजान बने हुए है जो चर्चा का विषय भी बना हुआ है। क्षेत्र में प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंगहोम, पैथालॉजी व प्रसव केंद्र दर्जनों की संख्या में अवैध रूप से संचालित है।
इन प्राइवेट संस्थानों द्वारा मरीजों को लुभाने के लिए कस्बे के सामुदायिक केंद्र को सबसे बेहतरीन स्थान चुना है। कभी कभार गुडवर्क कर वाहवाही लूटने वाले स्वास्थ्य विभाग को अपने ही परिसर में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा प्रचार-प्रसार के लिए लगवाई गयी होर्डिंग्स नहीं दिखाई देती
जो स्वास्थ्य विभाग पर बड़े सवाल खड़ा कर रहा है। जबकि अधिकांश प्राइवेट अस्पतालों में एक भी रजिस्टर्ड प्रशिक्षित डॉक्टर व प्रसव कराने वाली महिला नहीं मिलेगी। इन अस्पतालों सहित प्रसव केंद्रों की होर्डिंग्स व बैनरों में लखनऊ आदि शहरों के बड़े बड़े रजिस्टर्ड डॉक्टरों के नाम अंकित है। जिससे भोले भाले मरीज इनके चंगुल में फंसकर अपनी जमा पूंजी गंवा बैठते है। सूत्रों के मुताबिक इन प्राइवेट संस्थानों में मरीज लाने को लेकर बड़े स्तर पर कमीशनखोरी का खेल भी खेला जाता है। फिलहाल सरकारी अस्पताल प्राइवेट अस्पतालों के लिए प्रचार प्रसार का सबसे बेहतर स्थान बना हुआ है।