बहराइच: गढ्ढा मुक्त की तस्वीर है जो विकास की गढ़ रही कहानी

जरवल/बहराइच। राजधानी ही नही मण्डल वाला राजमार्ग से जोड़ने वाला संपर्क मार्ग की ये तस्वीर तो कुछ और ही कहानी गढ़ रही है जिससे सरकार के विकास होने का दावा भी ढंपोर शंखी लग रहा है। दैनिक भास्कर ने सरकार के विकास के दावों की तस्वीर अपने कैमरे में कैद की है। जो सरकार के नुमांइदो ने जमीनी स्तर पर सड़को के खस्ताहाल जाल बिछाने का दावा कर रखा है। उसकी एक बानगी जरवल विकास खण्ड का गांव रेवढा है। जो लखनऊ राजधानी के साथ देवीपाटन मण्डल गोंडा ही नही विकास खण्ड को भी संपर्क मार्ग के जरिए जोड़ता है।पर गांव को जाने बड़े बड़े गड्डे हो गए हैं जिस पर गाडियों के साथ पैदल यात्रा भी काफी कष्ट दाई हो गई है। जिससे नौ दिन चले अढ़ाई कोस की कहावत ही यहां चरितार्थ हो रही है l सरकार के विकास का दावा भी खोखला लग रहा है।

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ये भी जाने ले ?
जरवल। जरवल के ग्राम पंचायत रेवढा व उसके अठारह मजरे नौशहरा, मदरही भक्ततीन पुरवा, गंगापुरवा, गड़ाई आदि के साथ साथ कुछ ग्राम सभा गोंडा जिले के और बाराबंकी जिले के भी इसी मार्ग से होकर जिले और प्रदेश की राजधानी को जाते है। इस मार्ग पर पचास हज़ार से अधिक लोगों का सम्पर्क मार्ग है।
साथ ही जरवल ब्लॉक मुख्यालय को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग होने के बावजूद भी किसी का ध्यान इस ओर नही जा रहा है।

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..और आए दिन दुर्घटना !
जरवल। इस मार्ग पर आएदिन साइकिल सवार मोटर साइकिल सवार इन गड्ढों में गिर कर चोटिल हो रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जारी आभियान गड्ढा मुक्त बनाने का चल रहा है लेकिन रेवढ़ा नौशहरा मार्ग पर देखने को नहीं मिल रहा है। रास्ते को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है, गांव के लोगों का कहना है की अगर संपर्क मार्ग न बना तो हम लोग आंदोलन के लिए बाध्य हो जावेगे।

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इनकी भी सुने ले साहब !
जरवल। समाज सेवी सिफाकत अली का कहना है सरकार का गड्ढा मुक्त का आभियान के केवल दिखावा है गांव के लोगों का इस रास्ते से आना जाना बहुत ही कष्टकारी है। दूसरी ओर गांव के प्रधान प्रतिनिधि दुखहरन यादव का कहना कि इस रास्ते से  प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन रहता है, जिससे लोगों को आने जानें में परेशानी होतीहै। इसके लिए जिले से मांग की गई है।

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