लखीमपुर खीरी। जिले में कृषकों को गुणवत्तायुक्त उर्वरकों की उपलब्धता निर्धारित दर पर सुनिश्चित कराने और अन्य उत्पादों की टैगिंग पर अंकुश लगाए जाने के उद्देश्य से मंगलवार शाम को कलेक्ट्रेट में सीडीओ अभिषेक कुमार ने उर्वरक निरीक्षकों, अन्य सम्बद्ध विभागों के अफसरों, थोक उर्वरक विक्रेताओं, बफर स्टाकिस्ट, उर्वरक प्रदायकर्ता संस्था के प्रतिनिधियों, इण्डो-नेपाल सीमा स्थिति निजी उर्वरक विक्रेताओं की बैठक ली।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीडीओ अभिषेक कुमार ने कृषकों को गुणवत्तायुक्त उर्वरकों की उपलब्धता निर्धारित दर पर सुनिश्चित कराने और अन्य उत्पादों की टैगिंग पर अंकुश लगाए जाने पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में उपस्थिति उर्वरक विक्रेताओं, कम्पनी प्रतिनिधियों को डीएम ने कड़े निर्देश निर्गत किए कि किसी भी दशा में उर्वरकों की बिक्री बोरे पर अंकित खुदरा मूल्य से अधिक कीमत पर कदापि न की जाये तथा कृषकों को उर्वरकों के साथ किसी अन्य उत्पाद का जबरन टैग न किया जाये।
सीडीओ ने इण्डो-नेपाल सीमा पर स्थित निजी फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को सचेत करते हुये निर्देशित किया कि किसी भी दशा में उर्वरकों की तस्करी/कालाबाजारी में संलिप्तता पाये जाने पर उनके विरूद्व अन्तर्गत प्रभावी उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3/7 कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। निर्देश दिए कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए।
नैनो यूरिया, नैनो डीएपी के उपयोग के लिए किसानों को करे जागरूक : सीडीओ
सीडीओ अभिषेक कुमार ने निर्देश दिए कि “पीएम प्रणाम योजना” जो भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग में कमी करने तथा नैनो यूरिया, नैनो डीएपी के प्रचलन को बढावा देने के लिए कृषकों को जागरूक करते हुये रासायनिक उर्वरकों की खपत में कमी करते हुये नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के प्रयोग को बल दिया जाये।
बैठक में जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी ने उर्वरकवार उपलब्धता बताई। किसान बोरी पर प्रिंट रेट पर ही खाद खरीदें। उर्वरक विक्रेता किसानों को उनके आधार कार्ड और जोत बही के अनुसार पॉस मशीन से ही उर्वरक की बिक्री करें और बोरे पर अंकित प्रिंट दर की रसीद भी संबंधित किसान को उपलब्ध कराएं।यही कोई उर्वरक विक्रेता निर्धारित दर से अधिक पर विक्रय करता है तो उसके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही फुटकर उर्वरक विक्रेता अपने प्रतिष्ठान पर उर्वरक खरीदने आने वाले प्रत्येक का ब्योरा स्टाक व बिक्री रजिस्टर बनाकर उसमें दर्ज करेंगे। रजिस्टर में किसानों का नाम, पता, आधार नंबर, क्षेत्रफल तथा मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज करेंगे।
बैठक में डीडी कृषि अरविंद मोहन मिश्र, जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी, सहायक आयुक्त एवं निबंधन रजनीश प्रताप सिंह सहित थोक उर्वरक विक्रेता, बफर स्टाकिस्ट, उर्वरक प्रदायकर्ता संस्था के प्रतिनिधि, इण्डो-नेपाल सीमा स्थिति निजी उर्वरक विक्रेता मौजूद रहे।