मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक हलचल तेज है। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने राज्य में भगवा जीत के लिए बड़े पैमाने पर जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित करने की रणनीति बनाई है, जो हरियाणा में हाल ही में सफल कार्यक्रमों की तर्ज पर होगी। यह रणनीति बीजेपी को महाराष्ट्र में मजबूती से जीत दिलाने के लिए तैयार की जा रही है। संघ के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, राज्यभर में मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए 300,000 से अधिक छोटी बैठकें आयोजित होगी। इस अभियान को एक सुव्यवस्थित मशीनरी के रूप में लागू किया जाएगा। संघ इस प्रयास के तहत तीन प्रमुख कार्यक्रमों की योजना बना रहा है।
लोकसभा चुनाव में विपक्ष के संविधान बचाओ नारे का जवाब देकर आरएसएस संविधान सम्मान नामक एक विशाल अभियान की शुरुआत करेगा। इसका उद्देश्य यह बताना होगा कि कैसे कांग्रेस ने संविधान का अपमान किया है और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के खिलाफ खड़ी हो रही मुश्किलों पर भी प्रकाश डाला जाएगा।
संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, जब आप संविधान के खिलाफ जा रहे हैं, तब उस बचाने की बात कैसे कर सकते हैं? कांग्रेस ने कभी भी बाबा साहेब अंबेडकर की शिक्षाओं का सम्मान नहीं किया।इस कार्यक्रम का मकसद लोकतंत्र को मजबूत करना है। इसमें संघ विभिन्न राजनीतिक दलों के घोषणापत्रों पर चर्चा करेगा और उम्मीदवारों के अच्छे और बुरे पहलुओं के बारे में बात करेगा। इस अभियान में आरएसएस नागरिकों को वोट डालने से पहले सोचने के लिए प्रेरित करेगा। यह लोकतंत्र की पवित्रता बनाए रखने पर जोर देगा।
संघ हरियाणा में मिली सफलता को दोहराने के प्रयास में है। इसके लिए, संघ ने महाराष्ट्र में अपने स्वयंसेवकों के द्वारा से 50,000 से अधिक छोटी बैठकें और जनसंपर्क प्रयास शुरू कर दिए हैं। महाविकास अघाड़ी के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि संघ की नई रणनीतियां बीजेपी को चुनावी मैदान में एक नई ताकत देने की तैयारी में हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये कार्यक्रम महाराष्ट्र में राजनीतिक परिदृश्य को बदलने में सफल होते हैं या नहीं।