उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के दफ्तर के बाहर पीसीएस, समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की तैयारी कर रहे छात्रों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। जिसके बाद इस मामले पर सियासत तेज हो गई है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए छात्रों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “युवा विरोधी भाजपा का विद्यार्थियों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय है। प्रयागराज में यूपीपीएससी में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने अपनी आवाज उठाई तो भ्रष्ट सरकार हिंसक हो उठी। हम दोहराते हैं कि भाजपा का एजेंडा युवाओं की भलाई नहीं, बल्कि उनका शोषण है। हम युवाओं के साथ खड़े हैं। आज ही युवाओं को यह कहना चाहिए कि भाजपा की जरूरत नहीं।”
इस बीच, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन करते हुए कहा कि लोक सेवा आयोग अपनी कमियों को छुपाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहा है। प्रदर्शनकारी छात्र प्रतियोगी परीक्षा के दौरान अपनाई जा रही ‘नार्मलाइजेशन’ प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पीसीएस प्री 2024 और RO/ARO प्री 2023 की परीक्षाओं को एक ही दिन और एक शिफ्ट में आयोजित किया जाए, ताकि छात्र एक साथ इन परीक्षाओं का सामना कर सकें। यह प्रदर्शन छात्र समुदाय के बीच बढ़ती निराशा और परीक्षा प्रणाली में सुधार की मांग का प्रतीक है।