एग्रीस्टैक योजना के तहत जिले के 809 ग्राम पंचायतों में शिविर लगाकर किसान गोल्डेन कार्ड (फार्मर रजिस्ट्री) बनाया जाएगा। 25 नवंबर से राजस्व ग्रामों में शिविर लगाकर किसानों का फार्मर रजिस्ट्री एप के माध्यम से बनेगा। फार्मर रजिस्ट्री बनवाने वाले किसानों को ही पीएम सम्मान निधि की अगली किस्त मिलेगी।
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री से किसानों को सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट, स्थानीयकृत और विशिष्ट लक्षित सलाह के साथ ही बाजारों तक सुविधाजनक पहुंच प्राप्त हो सकेगी। प्रथम चरण का कार्य 25 नवंबर से आरंभ होकर 31 दिसंबर तक चलेगा। द्वितीय चरण में किसानों के लिए खोला जाएगा। छूटे किसान मोबाइल एप से स्वयं या जन सुविधा केंद्र के माध्यम से कर सकेंगे। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली निधि के लिए भी फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य है। जनपद व तहसील स्तर पर मास्टर ट्रेनर का चयन किया है। तहसील स्तर पर कार्मिकों को प्रशिक्षित किया गया है।
उप कृषि निदेशक विकेश पटेल ने बताया कि एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रकचर फार एग्रीकल्चर) के तहत फार्मर रजिस्ट्री (किसान गोल्डेन कार्ड) तैयार कराया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से भूलेख के डेटाबेस को समेकित कर प्रत्येक राजस्व ग्राम के प्रत्येक समान नाम व पिता के नाम वाले किसानों के आनलाइन बकेट तैयार कर राजस्व को आनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका प्रयोग कर राज्य स्तर से फार्मर रजिस्ट्री तैयार किया जाएगा और जिले के सभी भूमिधर किसानों को फार्मर रजिस्ट्री से जोड़ा जाएगा। किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले समस्त गाटा संख्या, सहखातेदार होने की स्थिति में गाटे में किसान का अंश, मोबाइल नंबर, आधार संख्या, ईकेवाईसी विवरण फार्मर रजिस्ट्री में दर्ज होगा। किसी प्रकार के स्वामित्व हस्तांतरण (विरासत, बैनामा) होने पर फार्म रजिस्ट्री स्वतः ही अपडेट हो जाएगी।