लखनऊ । उत्तर प्रदेश की 9 विधान सभा सीटों पर पूर्वाह्न 11 बजे तक 20.51 फीसदी मतदान हुआ है। मुरादाबाद की कुंदरकी विधान सभा सीट पर सबसे अधिक मतदान हुआ है। मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधान सभा क्षेत्र की जनता सुबह 11 बजे तक मतदान करने के मामले में दूसरे पायदान पर है।गाजियाबाद से सबसे कम मतदान हुआ है। उप्र के मुख्य निर्वाचन आयोग कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्वाह्न 11 बजे तक मीरापुर विधान सभा सीट पर 26.18 फीसदी, मझवा सीट पर 20.41 फीसद, खैर सीट पर 19.18 फीसदी मतदान हुआ है। वहीं फूलपुर सीट पर 17.68 फीसदी, कुंदरकी सीट पर 28.4 फीसदी, करहल सीट पर 20.71 फीसदी, कटेहरी सीट पर 24.28 फीसदी, गाजियाबाद सीट पर 12.87 प्रतिशत और कानपुर की सीसामऊ सीट पर अब तक 15.91 फीसदी मतदान हुआ।
कुंदरकी विधानसभा उपनिर्वाचन : सुबह 11 बजे तक 28.54 % मतदान
कुंदरकी में कुल मतदाता 384676 में से 108632 मतदाताओं ने किया मतदान
मुरादाबाद। कुंदरकी विधानसभा उपनिर्वाचन में बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक 28.54 फीसदी मतदान हो गया है। विधानसभा में कुल मतदाता 384676 में से 108632 मतदाताओं ने मतदान कर दिया।
कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव के लिए सुबह से मतदान जारी है। सुबह 9 बजे तक कुल 13.61 प्रतिशत और सुबह 11 बजे तक 28.24 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। शुरुआती घंटों में मतदान की गति धीमी रही लेकिन समय के साथ मतदाताओं में उत्साह बढ़ता नजर आ रहा है। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जिला प्रशासन और चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। मतदान के दौरान विभिन्न बूथों पर राजनीतिक दलों के एजेंट भी सक्रिय नजर आए। सुबह के समय ठंड के कारण मतदान केंद्रों पर भीड़ कम रही। जैसे-जैसे दिन चढ़ेगा, मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
वहीं सपा उम्मीदवार हाजी रिजवान ने प्रशासन पर मतदान एजेंट नहीं बनने देने का और पुलिस पर बूथों पर स्वयं वोट डालने का आरोप लगाया। हाजी रिजवान ने कहा कि पूरी विधानसभा में सुबह से तांडव मचा हुआ है। इस पर जिलाधिकारी अनुज सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुंदरकी विधानसभा उपनिर्वाचन में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान चल रहा है। हमारे सभी पीठासीन अधिकारियों से बात हो रही है। कहीं भी किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।
अखिलेश यादव सुबह से ही सोशल मीडिया पर हुए सक्रिय, वोट डालने की करते रहे अपील
लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सुबह से ही अपने मतदाताओं को बूथ तक जाने और चुनाव आयोग से वोट डालने के लिए सहुलियत प्रदान करने के लिए अपील करते रहे। सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने जगह-जगह कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गये आरोपों को भी उठाते रहे।
चुनाव के दौरान सुबह से दोपहर तक उन्होंने एक्स पर चार बार पोस्ट डाले।
एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “उत्तर प्रदेश में जिन मतदाताओं को पुलिस-प्रशासन द्वारा वोट डालने से रोका गया है, वो एक बार फिर से वोट डालने जाएं। इस चुनावी गड़बड़ी की सूचना हर तरफ़ फैल गई है। चुनाव आयोग भी सतर्क हो गया है और अब उसकी तरफ़ से ये आश्वासन मिल रहा है कि जिन लोगों को वोट डालने से रोका गया है, वो एक बार फिर से जाएं और अपना वोट ज़रूर डालें। अब कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। अगर फिर से कोई रोके तो आप वहाँ उपस्थिति चुनाव आयोग के अधिकारियों या राजनीतिक दलों के लोगों को सूचित करें या चुनाव आयोग से सीधी शिकायत करें। चुनाव आयोग से मिले इस आश्वासन के लिए धन्यवाद। प्रशासन व पुलिस के बेईमान अधिकारी बख़्शे नहीं जाएंगे। उनके वीडियो साक्ष्य उनके ख़िलाफ़ वैधानिक कार्रवाई का आधार बनेंगे। बेख़ौफ़ जाएं और अपना वोट ज़रूर डालकर आएं!”
उन्होंने दूसरी पोस्ट में लिखा, “अगर निर्वाचन आयोग का कोई जीता-जागता अस्तित्व है तो वो जीवंत होकर, प्रशासन के द्वारा वोटिंग को हतोत्साहित करने के लिए तुरंत सुनिश्चित करे: – लोगों की आईडी पुलिस चेक न करे। – रास्ते बंद न किये जाएं। – वोटर्स के आईडी ज़ब्त न किये जाएं। – असली आईडी को नक़ली आईडी बताकर जेल में डालने की धमकी न दी जाए। – मतदान की गति घटायी न जाए। – समय बर्बाद न किया जाए, ज़रूरत पड़ने पर वोटिंग का टाइम बढ़ाया जाए। – प्रशासन सत्ता का प्रतिनिधि न बने। – चुनावी गड़बड़ी की सभी वीडियो रिकार्डिंग का रीयल टाइम संज्ञान लेकर तत्काल बेईमान अधिकारी हटाए जाएं।”
तीसरी पोस्ट में उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय और निर्वाचन आयोग से अपील कि अभी-अभी प्राप्त वीडियो साक्ष्यों के आधार पर तत्काल संज्ञान लेते हुए दंडात्मक कार्रवाई करें और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया को भी सुनिश्चित करें। जो भी पुलिस अधिकारी वोटर कार्ड और आधार आईडी चेक कर रहे हैं, उन्हें वीडियो के आधार पर तुरंत निलंबित किया जाए। पुलिस को आधार आईडी कार्ड या पहचान पत्र जाँचने का कोई अधिकार नहीं है।
सुबह सबसे पहले अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, “वोट की प्रक्रिया को लेकर जो प्रयास ‘रात-दिन’ किया जा रहा है, उससे ये स्पष्ट हो गया है कि अब तो मतदाता दुगुने उत्साह से वोट डालनें जाएंगे। परिणाम तभी निकलते हैं जब एक भी वोट न तो बँटता है, न घटता है। उप्र के जागरूक और साहसी मतदाता अपने वोट करने के उस अधिकार के लिए शत-प्रतिशत घर से निकल रहे हैं, जो हर अधिकार का आधार है। आशा है निर्वाचन आयोग व प्रशासन इस तरह से निष्पक्ष और निष्कंटक चुनाव सम्पन्न कराएगा कि उप्र के समस्त मतदाता उन्हें धन्यवाद और बधाई देंगे। चुनाव में गड़बड़ करने वाले ध्यान रखें मतदाता व समस्त राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता व पदाधिकारी अपने मोबाइल के साथ हर जगह समस्त सबूत इकट्ठा करने के लिए तैनात हैं, जिससे कल को वैधानिक कार्रवाई करने का ठोस आधार बन सके। जनता की चेतना ही चेतावनी है।”
समाजवादी पार्टी फर्जी मतदान कराना चाहती है : भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश की नौ विधान सभा सीटों पर बुधवार की सुबह शुरू हुए मतदान के बीच सत्ताधारी दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा
के बीच आरोप प्रत्यारोप भी जारी है। सपा ने जहां पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनके मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया जा रहा है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने उप्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिख कर पर्दानशीं मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के उपरांत ही मतदान कराने की अपील की है।
समाजवादी पार्टी के आरोपों पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने पलटवार करते हुए कहा कि लोकतंत्र के इस पर्व में लोग बढ़ चढ़कर इसमें अपनी हिस्सेदारी कर रहे हैं लेकिन समाजवादी इस पूरे मतदान में अपनी हार की आशंका को देखते हुए फर्जी मतदान कैसे हो, इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
पार्टी चाहती है कि फर्जी मतदान हो। हर विधानसभा क्षेत्र में बाहरी लोगों का जमावड़ा लगाकर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।
राकेश त्रिपाठी ने कहा कि फर्जी मतदान पर प्रशासन द्वारा रोक लगाया जा रहा है तो वे (सपाई) जानबूझ कर सवाल उठा रहे हैं। हम चुनाव आयोग से अपील करते हैं कि जो भी कठोरता बरतनी पड़े, किया जाए। मतदाता पहचान प्रमाण पत्र देखने के बाद ही वोट डालने की इजाजत दी जाए। बुर्के की आड़ में फर्जी मतदान कराने की कोशिश की जा रही है, उसे रोका जाए। राकेश त्रिपाठी ने कहा कि शुचिता पूर्ण मतदान के लिए कठोरता आवश्यक है। भारतीय जनता पार्टी के चुनाव आयोग संपर्क विभाग के प्रदेश संयोजक अखिलेश कुमार अवस्थी ने आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि पिछले चुनावों में देखा गया है कि पर्दानशीं महिलाओं की पहचान सुनिश्चित न करने से वे कई बार वोट डालने का प्रयास करती रही हैं। कुछ पुरुष भी बुर्का पहन कर महिलाओं के स्थान पर फर्जी मतदान करने का प्रयास करते हैं। कई बार ऐसे लोगों को फर्जी मतदान करने से रोका भी गया है। यदि पर्दानशीं महिलाओं को पहचान सुनिश्चित किए बिना मतदान की अनुमति मिलेगी तो फर्जी मतदान होगा। इसलिए आवश्यक है कि पहचान सुनिश्चित किया जाए।