मॉस्को । रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष ने अब एक नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है, क्योंकि दोनों देशों ने अब लंबी दूरी की मिसाइलों का उपयोग करना शुरू कर दिया है। यूक्रेन ने अमेरिकी एटीएसीएमएस मिसाइलों से रूस पर हमले तेज कर दिए हैं, जबकि रूस ने भी कीव पर इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) दागकर अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया है, यह संकेत देता है कि वह संघर्ष में किसी भी हद तक जा सकता है। इस बीच, रूस ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने पोलैंड में स्थित नए अमेरिकी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस बेस को अपनी टारगेट प्रायोरिटी लिस्ट में शामिल कर लिया है। यह बेस बाल्टिक कोस्ट के पास स्थित रेड्जिकोवो शहर में है, जिसे 13 नवंबर को आधिकारिक तौर पर खोला गया था। रूस का कहना है कि इस प्रकार की पश्चिमी सैन्य सुविधाएं उसके लिए खतरे की घंटी हैं।
रूसी विदेश मंत्रालय ने एक्स पर एक बयान जारी करते हुए कहा, पोलैंड में अमेरिकी मिसाइल डिफेंस बेस को हमारी संभावित टारगेट लिस्ट में रखा गया है। इन पश्चिमी सैन्य सुविधाओं से उत्पन्न खतरों का स्तर और प्रकृति हमें अच्छी तरह से ज्ञात है। नाटो ने हालांकि यह स्पष्ट किया है कि यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से डिफेंसिव है और इसका उद्देश्य यूरो-अटलांटिक क्षेत्र के बाहर से बढ़ते बैलिस्टिक मिसाइल खतरे से रक्षा करना है, लेकिन रूस इसे बार-बार खतरे के रूप में देखता है। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने 20 नवंबर को कहा था, यह बेस यूरो-अटलांटिक क्षेत्र के बाहर से बढ़ते बैलिस्टिक मिसाइल खतरों के खिलाफ हमारी रक्षा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है। वहीं, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस नए बेस को यूरोप में अमेरिकी सैन्य ढांचे की प्रगति का प्रतीक बताया और कहा कि यह रूस की सीमाओं की ओर बढ़ने का संकेत है।
पोलैंड के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पावेल व्रोंस्की ने स्पष्ट किया कि इस बेस में कोई परमाणु मिसाइलें नहीं हैं और यह केवल रक्षा के उद्देश्य से है। उन्होंने कहा, यह बेस सिर्फ रक्षा के लिए काम करता है, न कि हमले के लिए। इस बयान से पोलैंड और नाटो की एयर डिफेंस क्षमता को मजबूत करने के संदेश को स्वीकार करते हुए व्रोंस्की ने कहा कि अमेरिका को भी इसे ध्यान में रखना चाहिए।