वॉशिंगटन । अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के काश पटेल को एफबीआई यानी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के डायरेक्टर के रूप में चुना है। काश पटेल को डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान भी अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई थी। तब उन्होंने आईएसआईएस, अल-बगदादी और कासिम अल-रिमी जैसे अल-कायदा नेताओं को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। बस यहीं से काश पटेल ट्रंप की नजरों में आ गए। उन्होंने अमेरिकी बंधकों को वापस स्वदेश लाने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा कश्यप पटेल ने इंटेलिजेंस पर हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और वरिष्ठ वकील के रूप में भी काम किया था।
काश पटेल ने अमेरिका की राज्य और संघीय अदालतों में हत्या, तस्करी जैसे केस लड़े हैं। रिपोर्ट में काश पटेल को बताया गया है कि वो डोनाल्ड ट्रम्प के लिए कुछ भी कर सकते हैं। दावा किया गया कि ट्रम्प ने अपने प्रशासन के अंतिम हफ्तों में पटेल को सीआईए का उप निदेशक नियुक्त करने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। पिछले साल युवा रिपब्लिकन्स के एक समारोह में ट्रम्प ने पटेल के लिए एक संदेश दिया था, जिसमें कहा गया था “तैयार हो जाओ, काश। तैयार हो जाओ। बता दें कि ट्रंप के बेहद विश्वासपात्र लोगों में से एक काश पटेल इस शक्तिशाली पद पर 20 जनवरी 2025 को नई सरकार के कार्यकाल के साथ काबिज हो जाएंगे।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि कश्यप ‘काश’ एफबीआई के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे। काश एक शानदार वकील, इंवेस्टिगेटर और ‘अमेरिका फर्स्ट’ वॉरियर हैं, जिन्होंने अपना करियर भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों की रक्षा करने में बिताया है।
काश पटेल का पूरा नाम कश्यप पटेल है। काश पटेल के माता-पिता का जीवन युगांडा में बीता। पिता 1970 के दशक में बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका आ गए थे। जिसके बाद साल 1980 में काश पटेल का जन्म न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में हुआ। उन्होंने कानून की पढ़ाई की। नस्लवाद विरोधी माने जाने वाले काश ने इससे पहले ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन फैकल्टी ऑफ लॉज से अंतरराष्ट्रीय कानून में सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया था। काश पटेल ने कार्यवाहक रक्षा सचिव क्रिस्टोफर मिलर के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम किया। इससे पहले राष्ट्रपति के उप सहायक और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में आतंकवाद निरोध के वरिष्ठ निदेशक के रूप में भी काश काम कर चुके हैं।