मानवाधिकार दिवस के अवसर पर इस्कॉन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचसीआर) से बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर ध्यान देने की अपील की है। इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने मंगलवार को कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को देश में अस्थिरता फैला रहे कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें गिरफ्तार कर अल्पसंख्यकों का विश्वास बहाल करना चाहिए।
राधारमण दास ने मानवाधिकार दिवस के मौके पर ‘एक्स’ पर लिखा, “जागिए, @UNHumanRights! (संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन का आधिकारिक ट्विटर हैंडल) कम से कम आज मानवाधिकार दिवस पर जाग जाइए। बांग्लादेश में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों पर आपकी चुप्पी बेहद दुखद और हृदयविदारक है।”
दास ने दावा किया कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के सांसदों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई है। हालांकि, अब तक यूएनएचसीआर की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्हाेंने एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, “यह सुनिए कि कैसे खुलेआम बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों और इस्कॉन के खिलाफ नरसंहार की धमकी दी जा रही है। जाग जाइए।”
इस्कॉन के प्रवक्ता ने बताया कि उनकी संस्था बांग्लादेश समेत कई देशों में बिना किसी धार्मिक भेदभाव के लोगों की सेवा और भोजन उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा, “हम केवल यह चाहते हैं कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक और इस्कॉन संरक्षित रहें।”
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक, जो कुल 17 करोड़ की आबादी का केवल आठ प्रतिशत हैं, पिछले कुछ महीनों में 50 से अधिक जिलों में 200 से ज्यादा हमलों का सामना कर चुके हैं। यह हमले पांच अगस्त को शेख हसीना की आवामी लीग सरकार के पतन के बाद से हो रहे हैं।